बीकानेर। सरकारी गाड़ियां शहर में बिना पीयूसी (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट के दौड़ रही हैं। आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस का डंडा केवल निजी वाहनों पर ही चलता है। सरकारी गाड़ियों की चेकिंग ही नहीं होती। हालात ये है कि जिला कलेक्टर और रेंज के आईजी की गाड़ी का ही पीयूसी नहीं है।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के दौरान जनवरी में यातायात पुलिस ने 12261 वाहनों के चालान काटे। इनमें 211 चालान उन निजी वाहनों के थे, जिनके पास पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (पीयूसी) नहीं था। लेकिन सरकारी गाड़ियों की जांच नहीं की गई। अभियान खत्म होने के बाद भास्कर ने कलेक्टर सहित प्रशासनिक अधिकारियों, आरटीओ और यातायात पुलिस की गाड़ियों के दस्तावेज परिवहन विभाग के ऐप “एम परिवहन” पर चेक किए तो चौंकाने वाले मामले सामने आए। भास्कर ने 15 गाड़ियों की जांच की, जिनमें से 8 गाड़ियों की पीयूसी एक्सपायर मिलीं। हालात ये है कि आरटीओ के उड़न दस्ते और ट्रैफिक पुलिस जिन गाड़ियों में सवार होकर से लोगों के चालान काटती है उन्हीं की पीयूसी और इंश्योरेंस नहीं है।
जिला कलेक्टर की गाड़ी संख्या आरजे 07 यूए 8485 और रेंज के आईजी की गाड़ी संख्या आरजे 14 यूई 7277 का इंश्योरेंस और पीयूसी दोनों ही नहीं है। यदि पुलिस की सभी गाड़ियों को चेक करें तो ज्यादातर के ऐसे ही हालात मिलेंगे। एक्सपर्ट के अनुसार सरकारी वाहनों का इंश्योरेंस सरकार देखती है, इसलिए अलग से करवाना जरूरी नहीं होता, लेकिन पीयूसी होना जरूरी है। कुछ सरकारी गाड़ियों के इंश्योरेंस एक्सपायर हो चुके हैं। जिले के सरकारी विभागों में आवंटित गाड़ियों की संख्या 1500 से 2000 बताई जाती है।
इनमें कांटैक्ट बेस वाली गाड़ियां भी शामिल हैं। नई गाड़ी का पीयूसीसी एक साल और पुरानी का 6 महीने तक वैध होता है। जनवरी में शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 279 तक पहुंच गया था। वायु प्रदूषण का बड़ा कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं ही बताया जाता है। निजी वाहनों के पास पीयूसी नहीं होने पर एक हजार से दो हजार तक जुर्माना लगाया जाता है, जबकि यही कानून सरकारी गाड़ियों पर भी लागू है। फिर उनकी चेकिंग क्यों नहीं होती?
किसी का इंश्योरेंस खत्म तो किसी का पीयूसीसी नहीं
- आरजे 07 यूए 8485 कलेक्टर, पीयूसीसी नहीं है।
- आरजे 14 यूई 7277 रेंज आईजी, पीयूसीसी 2023 में ही एक्सपायर हो चुका।
- आरजे 07 यूबी 0715 एडीएम सिटी, पीयूसीसी 27 जुलाई 24 तक थी।
- आरजे 07 यूए 9843 एडीएम ए, पीयूसीसी 18 सितंबर 23 तक थी।
- आरजे 07 टीए 5138 पीबीएम अधीक्षक, पीयूसीसी सात अगस्त 23 तक थी।
- आरजे 07 ईए 0309 ट्रैफिक की क्रेन, इंश्योरेंस 14 अप्रैल 2012 को ही एक्सपायर हो गया।
- आरजे 14 यूसी 8976 आरटीओ उड़न दस्ता, इंश्योरेंस 2014 में खत्म, पीयूसीसी भी जनवरी में खत्म।
- आरजे 14 यूसी 3335 ट्रैफिक इंस्पेक्टर, इंश्योरेंस और पीयूसीसी 2023 में समाप्त।
- आरजे 14 यूबी 8702, आरटीओ उड़न दस्ता, पीयूसीसी एक्सपायर
- आरजे 07 जीसी 0697, ट्रैफिक पुलिस की गाड़ी, इंश्योरेंस 1 फरवरी को खत्म
वाहनों के धुएं से निकलती हैं खतरनाक गैसें
वाहनों से निकलने वाले धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फरडाई ऑक्साइड, फॉर्मेल्डिहाइड और बेंजीन जैसे प्रदूषक मानक होते हैं। प्रदूषित हवा में पार्टिकुलेट मैटर भी होता है। कार्बन डाइऑक्साइड जैसी ग्रीन हाउस गैसें निकलती हैं, जो जलवायु परिवर्तन का कारण बनती हैं।
पीयूसी सर्टिफ़िकेट लेना अनिवार्य है
1988 के मोटर वाहन अधिनियम के तहत, भारत सरकार ने पीयूसी सर्टिफ़िकेट लेना अनिवार्य कर दिया है। अगर आपके वाहन के पास वैध सर्टिफ़िकेट नहीं है, तो 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। अपराध दोहराने पर 2,000 रुपए जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा आईआरडीएआई के नियमों के मुताबिक मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू कराने के लिए एक वैध पीयूसी सर्टिफ़िकेट होना जरूरी है।
