भीम भादाणी ने बताया कि आरटीई के तहत बच्चों का एडमिशन निजी स्कूल में करवाया था। ताकि, बच्चे पढ़ लिख सकें। लेकिन, निजी स्कूल ने स्कूल ड्रेस, किताबों, कॉपी के नाम पर लंबी सी लिस्ट पकड़ा दी है। इसके मनमानी के खिलाफ उन्होंने विरोध किया है।
राजस्थान के बीकानेर जिले में सड़कों पर 41 डिग्री तापमान में दंडवत यात्रा कर रहा व्यक्ति किसी धार्मिक यात्रा पर नहीं जा रहा है। यह व्यक्ति पेशे से चौकीदार भीम भादाणी है, जो अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए संघर्ष कर रहा है। भीम ने आरटीई के तहत अपने बच्चों का एक निजी स्कूल में दाखिला करवाया है।
भीम भादाणी ने बताया कि आरटीई के तहत बच्चों का एडमिशन निजी स्कूल में करवाया था। ताकि, बच्चे पढ़ लिख सकें। लेकिन, निजी स्कूल ने स्कूल ड्रेस, किताबों, कॉपी के नाम पर लंबी सी लिस्ट पकड़ा दी है। वह मेहनत मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहा है। सोचा था कि बच्चे अच्छे से पढ़ लिख लें, लेकिन निजी स्कूलों के मनमाने रवैये के चलते यह विरोध करना पड़ा। उन्होंने बताया कि शिक्षा का अधिकार सभी का है और हमें निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए एकजुट होना होगा।
