बीकानेर। एक डिजिटल जाल, जिसने एक निवेशक को लाखों का चूना लगा दिया। दिल्ली पुलिस की साइबर वेस्ट टीम ने एक बड़े साइबर धोखाधड़ी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए, नकली आईपीओ निवेश के नाम पर लोगों को ठगने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड विष्णु कांत शर्मा को जयपुर से गिरफ्तार किया है। यह मामला साइबर अपराध की बढ़ती चुनौती को उजागर करता है, जहाँ शातिर अपराधी डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर लोगों की गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं।
ऐसे बिछाया गया ठगी का जाल
शिकायतकर्ता को ‘यस सिक्योरिटीज’ नामक एक व्हाट्सएप समूह में जोड़ा गया था। इस समूह के माध्यम से, उन्हें एक नकली वेबसाइट पर निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया, जहाँ उन्हें झूठे आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक पेशकश) में निवेश के भारी मुनाफे का लालच दिया गया। धोखेबाजों के झांसे में आकर, शिकायतकर्ता ने अपने 40 लाख रुपये गँवा दिए। यह एक सामान्य तरीका है जिसमें साइबर अपराधी प्रतिष्ठित कंपनियों के नाम का दुरुपयोग कर विश्वास पैदा करते हैं।
मास्टरमाइंड की पहचान
गिरफ्तार आरोपी की पहचान 24 वर्षीय विष्णु कांत शर्मा के रूप में हुई है, जो मूल रूप से बीकानेर का रहने वाला है। वह अपनी पढ़ाई के लिए जयपुर चला गया था, लेकिन बाद में उसने साइबर अपराध का रास्ता अपना लिया। यह घटना दर्शाती है कि कैसे युवा और शिक्षित व्यक्ति भी गलत रास्ते पर जा सकते हैं, जिससे समाज के लिए नई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं।
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस की साइबर वेस्ट टीम ने इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की। तकनीकी निगरानी और खुफिया जानकारी के आधार पर, टीम ने मास्टरमाइंड विष्णु कांत शर्मा का पता लगाया और उसे जयपुर से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की। यह गिरफ्तारी साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश
पुलिस अब इस सिंडिकेट के अन्य सदस्यों का पता लगाने के प्रयास कर रही है। यह माना जा रहा है कि यह एक संगठित गिरोह है जिसमें कई अन्य लोग शामिल हो सकते हैं। आगे की जांच में इस रैकेट के पूरे नेटवर्क का खुलासा होने की उम्मीद है, जिससे भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा।
साइबर सुरक्षा की आवश्यकता
यह घटना हमें साइबर सुरक्षा के महत्व की याद दिलाती है। डिजिटल लेनदेन और निवेश करते समय अत्यधिक सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है। किसी भी अज्ञात या अविश्वसनीय स्रोत से प्राप्त निवेश सलाह पर आँख बंद करके भरोसा न करें। हमेशा आधिकारिक वेबसाइटों और प्रमाणित वित्तीय सलाहकारों के माध्यम से ही निवेश करें ताकि आप ऐसे धोखेबाजों का शिकार होने से बच सकें।
