बीकानेर। इस्कॉन के केंद्र प्रभारी श्री संकर्षण प्रिय दास जी ने भगवान श्री जगन्नाथ जी की महिमा बताते हुए बताया कि जगन्नाथ जी ही कलयुग के आराध्य देव है। वो इतने दयालु है कि जो लोग इतने व्यस्त है कि मंदिर के अंदर उनका दर्शन करने नहीं जा सकते है उनके लिए जगन्नाथ जी स्वयं बाहर आ कर उनका उद्धार करते है। जिस प्रकार जब हम थोड़ा बीमार होते है तो डॉक्टर के पास जाते है लेकिन जब बीमारी ज़्यादा बढ़ जाती है तो डॉक्टर को हमारे पास आना पड़ता है इसी प्रकार से जगन्नाथ ही हमारे असली डॉक्टर है जो हमारा उद्धार करने के लिए ख़ुद रथ पर चढ़ के हमारे पास आते है। जय जगन्नाथ!
रथ गोकुल सर्किल से होते हुए कई प्रमुख क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए इस्कॉन के संडे प्रोग्राम सेंटर, सादुल गंज, बी-13 के सामने पहुँचा।
जगह-जगह रथ के स्वागत के लिए रंगोली बनाई गयी। साथ ही जो भी श्रद्धालु भगवान श्री जगन्नाथ जी का दर्शन करने आये थे वो उन्हें पुष्प अर्पित किए। इस्कॉन के भक्त जन हर रोज़ प्रातः हरे कृष्ण महामंत्र का नगर संकीर्तन निकाला करते थे ताकि बीकानेर के सभी नागरिक इस रथ यात्रा का हिस्सा बन पाए।
अन्य भक्तों से वार्तालाप करते हुए हमने जाना कि उन्हें बिल्कुल पुरी की रथ यात्रा का अनुभव बीकानेर में हो रहा था क्यूँकि सामने वह श्री श्री जगन्नाथ बलदेव सुबधरा महारानी और सुदर्शन प्रभु को रथ पर आरूढ़ देख रहे है और सभी भक्त भगवान के रथ को रस्सी से खिंचने का प्रयास कर रहे है साथ ही पूरे वातावरण में उच्च स्वर से मधुर श्री हरिनाम संकीर्तन का यशोगान हो रहा है।
इसके साथ साथ बहुत सारे भक्त खिचड़ी प्रसाद का वितरण भी कर रहे थे ताकि जो भी दर्शनार्थी आये उन्हें प्रसाद अवश्य मिले जैसा कि हम जानते है “जगन्नाथ के भात दुनिया पसारे हाथ”
इसके साथ साथ अनेक भक्त जन इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपाद जी की पुस्तकों का वितरण कर रहे थे! ऐसा इसलिए ताकि जो भी श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ जी का दर्शन करने आये है वो दर्शन का पूरा लाभ ले और वह तब हो पाएगा जब वो व्यक्ति हर रोज़ भक्ति के विधि विधान का पालन करेगा।
इस्कॉन में संडे सेंटर पर रथ पहुँचने के उपरांत सभी जगन्नाथ भक्तों के लिए पूरे प्रसादम की व्यवस्था थी।
इन सभी भक्तों का उत्साह और भव्य रथ यात्रा आयोजन ने बीकानेर शहर को एक दिन के लिए पुरी में परिवर्तित कर दिया था! आप भी इस्कॉन के संडे कार्यक्रम से जुड़ सकते है जो हर रविवार सादुल गंज स्थित इस्कॉन केंद्र में होता है।
जय जगन्नाथ!
