बीकानेर की वरिष्ठ सोनोलॉजिस्ट्स व भारतीय महिला अस्तित्व पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजु गुप्ता कछावा ने आज एक सशक्त ज्ञापन प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सहित विभिन्न राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय महिला आयोगों तथा मीडिया संस्थानों को प्रेषित किया। इस ज्ञापन में उन्होंने PCPNDT अधिनियम की मूल भावना का समर्थन करते हुए, उसके दुरुपयोग और भ्रष्ट प्रशासनिक प्रणाली के कारण देशभर में महिला सोनोलॉजिस्ट पर हो रहे उत्पीड़न और मानसिक शोषण पर गहरी चिंता व्यक्त की।
डॉ. मंजु ने अपने ज्ञापन में दस ठोस सुझाव प्रस्तुत करते हुए कहा कि “नारी का सम्मान सिर्फ बेटी बचाने तक सीमित न रहे – महिला डॉक्टरों को भी गरिमा के साथ काम करने का अधिकार मिले।” उन्होंने कहा कि PCPNDT एक्ट का उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या रोकना था, परंतु अब यह भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार का हथियार बन चुका है।
ज्ञापन में प्रमुख माँगें निम्नलिखित हैं:
- सीएमएचओ ऑफिस में Citizen Charter लागू हो, जिसमें हर कार्य की समयसीमा तय हो।
- सोनोग्राफी सेंटर्स के रजिस्ट्रेशन, नवीनीकरण व सोनोग्राफी मशीनों के खरीदने/बेचने की अनुमतियों में समयबद्धता निश्चित की जाए अथवा Deemed Approval माना जाए।
- सीएमएचओ ऑफिस में अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम लगाया जाए।
- सीएमएचओ ऑफिस के अधिकारियों व स्टाफ की संपत्ति में वार्षिक बढोत्तरी को सार्वजनिक करना अनिवार्य हो.
डॉ. मंजु ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि सोनोलॉजिस्ट्स के साथ प्रशासनिक अत्याचार को समाप्त किया जाए।
इस ज्ञापन की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, स्वास्थयमंत्री, राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सहित राजस्थान के सभी प्रमुख अखबारों, न्यूज़ चैनलों और महिला संगठनों को भी भेजी गई है।
डॉ. मंजु ने आने वाले दिनों में महिला सोनोलॉजिस्ट्स की एक राज्य स्तरीय बैठक और जन जागरूकता अभियान की घोषणा की है।
