बीकानेर। बीकानेर में चिकित्सा जगत से जुड़ी चौंकाने वाली खबर सामने आई है। खबर है कि यहां पीबीएम हॉस्पिटल के डॉक्टर्स अपने घरों से दवा का कारोबार चला रहे है। मेडिकल जगत से जुड़े सूत्रों के अनुसार दवाओं के कारोबार से जुड़ी ऐसी कई ब्रांडेड कपंनिया है,जिसकी डीलरशीप डॉक्टरों के परिजनों और रिश्तेदारों ने ले रखी है। इन कंपनियों के साथ कमीशन की डोर से बंधे पीबीएम के ज्यादात्तर डॉक्टर्स अपने घरों और प्राइवेट क्लिनिकों पर आने वाले रोगियों को इन्ही कपंनियों की दवाएं लिखते है। हैरानी की बात तो यह है कि इन डॉक्टर्स ने जेनेरिक दवाओं से दूरी बना रखी है. ज्यादातर डॉक्टर्स ने अपने घरों और घरों के आस पास खुद के मेडिकल स्टोर्स खोल रखे है जहां महंगी ब्रांडेड दवाएं बेची जाती हैं। इतना ही नहीं ये डॉक्टर्स मरीजों और उनके परिजनों को अपने मेडिकल स्टोर्स से दवाएं खरीदने के लिये बाध्य करते है। ऐसे में जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा देने की सरकार के मंसूबों पर एक तरह से पानी फिर रहा है । जानकारी में रहे कि ब्रांडेड दवाएं किमत में जेनेरिक दवाओं से पचास फिसदी मंहगी होती है। ब्रांडेड दवाओं से डॉक्टर्स को मोटा कमीशन मिलता है। मरीज देखते हैं। इनमें से करीब 50 प्रतिशत डॉक्टरों के आवास के नजदीक ही दवा की दुकान संचालित होती है। रोजाना सैकड़ों मरीजों को डॉक्टर की लिखी दवा उनके घर के बाहर या नजदीकी दवा की दुकान से ही खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है। यदि कोई मरीज अपने घर के पास या किफायती दुकान से दवा लेने के लिए निकल गया तो वह उस दवा को ढूंढता ही रह जाता है। मेडिकल जगत से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ब्रांडेड दवाओं की कमीशन के इस खेल में पीबीएम हॉस्पिटल के डॉक्टर्स हर माह ढाई से तीन लाख रूपये की कमाई कर रहे है।
