सवाई माधोपुर के रणथंभौर में टाइगर ने रेंजर को मार डाला। टाइगर रिजर्व के जोन नंबर-3 में बाघ ने रेंजर की गर्दन पर दांतों और नाखून से हमला किया। टाइगर 20 मिनट तक रेंजर के शव पर बैठा रहा।
जानकारी के अनुसार, रेंजर देवेंद्र चौधरी रविवार दोपहर करीब 3 बजे गुढ़ा नाके से जोगी महल आए थे। उनके पास जोगी महल का अतिरिक्त चार्ज भी था।
वह जोगी महल में यज्ञशाला के पास ट्रैकिंग कर रहे थे। इस दौरान छोटी छतरी के पास टाइगर ने उन पर हमला कर दिया। टाइगर काफी देर तक रेंजर पर बैठा रहा।
वनकर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद टाइगर को भगाया। देवेंद्र को जिला अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
वनकर्मियों से मिली सूचना के बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। किस टाइगर ने हमला किया, इसकी वन विभाग ने पुष्टि नहीं की है।
रणथंभौर में टाइगर के हमले में एक महीने में यह दूसरी मौत है। इससे पहले 16 अप्रैल को टाइगर ने 7 साल के बच्चे को मार डाला था।
8 साल पहले जॉइन की थी नौकरी
देवेंद्र चौधरी अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। उन्होंने अपने पिता की जगह करीब 8 साल पहले वनपाल के पद पर नौकरी जॉइन की थी। हाल ही में उनका रेंजर के पद पर प्रमोशन हुआ था। देवेंद्र के डेढ़ साल का बेटा है।
बाघिन सिद्धि के शावकों का था मूवमेंट
फॉरेस्ट गार्ड अमित के अनुसार- मैं सरकारी गाड़ी से रेंजर देवेंद्र को जोगी महल के गेट से पहले उतारकर वापस गुढ़ा नाका आ गया था। वहां छतरी के पास ही बाघिन सिद्धि के शावकों का मूवमेंट था। इसके बाद रेंजर देवेंद्र पर टाइगर की हमले की जानकारी मिली।
7 साल के बच्चे को मार डाला था
16 अप्रैल को रणथंभौर में टाइगर ने 7 साल के बच्चे को मार डाला था। बच्चा अपनी दादी के साथ त्रिनेत्र गणेश के दर्शन कर लौट रहा था। अचानक जंगल से टाइगर आया और बच्चे को मुंह में दबोचकर ले गया।
टाइगर काफी देर तक बच्चे की गर्दन पर पंजा रखकर बैठा रहा। यह हमला अमराई वन क्षेत्र में हुआ था।
