DNR NEWS बीकानेर। लगभग 18 वर्ष पूर्व की थाना पुलिस गगाशहर की प्रथम सूचना रिपोर्ट नं 131/2008 में धोखादडी के मामले में दोषी व्यक्तियों कन्हैया लाल पुत्र छगल लाल.लक्ष्मी देवी पत्नि हीरा लाल, पुत्री छगन लाल,.सावर लाल पुत्र छगन लाल व बजरग भाटी पुत्र हरी राम को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सख्या 1 बीकानेर के पीठासीन अधिकरी चन्द्र शेखर पारीक ने अपने निर्णय दिनांक 15.04. 2025 में चार अपराधियों को 420,120बी, 467,467/120बी, 468, 468/120बी व 471 भारतीय दण्ड सहिता के तहत दोषी करार देकर तीन वर्ष के कारावास व अर्थ दण्ड में सभी जुर्मो में दण्डित किया है वही पटवारी नत्थुराम को दोष मुक्त घोषित किया है।
इस प्रकरण का परिवाद लक्ष्मीनारायण (माली पंवार) द्वारा कन्हैयालाल,लक्ष्मी देवी,सांवरलाल व एक व्यक्ति अज्ञात के विरूद्ध इस आशय को पेश किया गया था कि अभियुक्तगण ने ला औलाद फौत भंवरलाल के स्वयं के हिस्सा घोषित करने के लिए झूठा वारिस प्रमाण पत्र बनवाया और भंवरलाल की संपति का नामांतरण इस वारिस प्रामण पत्र के माध्यम से खुद के नाम करवा लिया जबकि भंवरलाल परिवादी के पिता सोहनलाल का भाई था। यदि अभियुक्तगण ऐसा नही करवाते तो परिवादी को भी भंवरलाल की संपति में हिस्सा मिलता। अभियुक्तगण परिवादी के पिता के भाई छगनलाल के पुत्र व पुत्री है। इन्होने मिथ्या रूप से दस्तावेज का निर्माण करवाकर अपने आपको भंवरलाल की औलाद बताया है। इस प्रकार अभियुक्तगण ने छल करने के प्रयोजन में मूल्यवान प्रतिभूति की कूटरचना की है व आपराधि षडयंत्र है।
जिसके लिए माननीय न्यायधीश द्वारा अपराधियों को 3 साल के कारावास से दण्डित किया।
