बीकानेर। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंड़ित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मंगलवार शाम को नोखा के मूलवा सीलवा गांव पहुंचे। उन्होंने भामाशाह और उद्योगपति पूनम कुलरिया के नवनिर्मित विला के गृह प्रवेश कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

पंड़ित धीरेंद्र शास्त्री ने बालाजी महाराज की पूजा कर धर्मसभा शुरू की। उन्होंने कहा-आज हमारे देश में हिंदू अलग-अलग जातियां में बटे हैं। कोई बनिया है, कोई ब्राह्मण है, कोई राजूपत तो कोई अन्य जाति के लोग। इसी कारण आज इस देश में ही रहने वाले, हमारा ही खाने वाले है, हमें यहां से हटाने की बात कह रहे हैं। अगर सभी हिंदू एक हो जाए तो हम भारत के साथ ही पाकिस्तान को भी हिंदू राष्ट्र बनाएंगे। उन्होंने कहा कि इस देश में हिंदूओं को दोगले हिंदूओं से खतरा है, ऐसे लोगों की पहचान करना जरूरी है।

उन्होंने कहा- जो शेष है, वही विशेष है, यानी हमारी जिंदगी का जो समय बचा है, हमें उसी को विशेष करना है। आदमी दो प्रकार से जीवन जीता है। एक ऐसा जीते हैं, जैसे जीवन का बहुत समय गुजर गया अब क्या होगा? दूसरे ऐसे होते हैं जो कहते हैं समय बहुत गुजर गया तो क्या हुआ, कुछ बचा हुआ है उसमें ही कुछ नया कर लेंगे। वे बचे हुए जीवन को विशेष बनाते हैं, आज लोगों को इसी सोच की जरूरत है।
जीवन में कुछ खोने से हताश होने वालों के लिए कहा-जो नहीं पाया है उसका कोई गम नहीं है, जो पाएंगे वह एक ख्वाब है, जो अभी पाया है वहीं लाजवाब है। उन्होंने वर्तमान की हर छोटी खुशी में खुश रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जीवन में अति आत्मविश्वास नहीं होना चाहिए। जो ऐसा करते हैं, उन्हें पछताना ही पड़ता है। इसके लिए उन्हें श्वान और बैलगाड़ी की कहानी भी सुनाई।
