बीकानेर। आरएएस अधिकारी रचना भाटिया की कोठी में चोरी करने के आरोप में दो जनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों की पहचान शोभासर हाल बीकाजी फैक्ट्री के पीछे, आजाद नगर निवासी 23 वर्षीय सोहनलाल उर्फ सोनू पुत्र ओमाराम नायक व हरिराम मंदिर के पास, पुरानी गिन्नाणी निवासी 22 वर्षीय प्रदीप पुत्र घनश्याम के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों से चांदी की घड़ी, पायजेब, सिक्के, चांदी की अंगूठी, सोने के टॉप्स, दो घड़ियां व स्केटिंग सूज आदि बरामद किए हैं।
ये थी घटना: आरएएस रचना भाटिया की जयपुर रोड़ स्थित सरकारी कोठी को चोरों ने निशाना बनाया। नीरज छाबड़ा ने सदर पुलिस थाने में रिपोर्ट दी कि उनका सिविल लाइंस जयपुर रोड़ स्थित सरकारी क्वार्टर नंबर 19 बंद था। इस दौरान अज्ञात लोगों ने उसमें से चोरी कर ली। जेवरात व घरेलू सामान चोरी होना बताया, हालांकि चोरी की सामग्री का रिकॉर्ड पूरी तरह से पता नहीं चला। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच हैड कांस्टेबल मुकेश विश्नोई को सौंपी।
चोरी खोलने के लिए गठित की गई स्पेशल टीम :– मामला आरएएस अधिकारी के सरकारी आवास का होने की वजह से चोरी का पर्दाफाश करने के लिए सदर थानाधिकारी दिगपाल सिंह मय 5 सदस्यीय टीम गठित की गई। इसमें मुकेश के अलावा कोटगेट थाने के हैड कांस्टेबल हेतराम विश्नोई 153, डीएसटी हैड कांस्टेबल महावीर 250 व सदर थाने के कांस्टेबल जगदीश 820 को शामिल किया गया।
–करणीसिंह स्टेडियम के खांचों में मिले नशेड़ी चोर :- करणीसिंह स्टेडियम में नशेड़ियों के जमावड़े की शिकायतें तो वर्षों से आती ही रही है। इस बार आरएएस अधिकारी की कोठी को निशाना बनाने वाले चोर भी वहीं मिले। ये खांचे वेलोड्रम के पीछे बताए जा रहे हैं। दोनों चोर नशेड़ी हैं। स्मैक का नशा करते हैं। आरोपियों ने रचना भाटिया की कोठी को निशाना बनाया था।
बंद पड़ी सरकारी कोठियों को बनाते हैं निशाना:- पुलिस सूत्रों के मुताबिक चोरों ने बयान दिया है कि वे ऐसी सरकारी कोठियों को निशाना बनाते हैं जो बंद हो। वे अधिकतर शनिवार व रविवार का इंतजार करते हैं। कभी कभी होलीडे का भी फायदा लेते हैं। शनिवार व रविवार को अक्सर सरकारी अधिकारी बाहर चले जाते हैं तो कोठी या क्वार्टर बंद रहते हैं। ऐसा मौका मिलते ही ये दोनों चोर हाथ की सफाई का कमाल दिखा देते हैं।
–पहले भी बना चुके सरकारी क्वार्टरों को निशाना:- आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि वे सरकारी क्वार्टर को ही निशाना बनाते हैं। वे पहले भी ऐसा कर चुके हैं। हालांकि ऐसी चोरियां सामने नहीं आती। हो सकता है चोरी की गई वस्तुएं छोटी हों, इस वजह से भी मामले छिपे रहे हों।
–नशे की वजह से करते हैं चोरी: आशंका है कि ये दोनों नशा खरीदने के लिए चोरी की वारदातें करते हैं। आरोपी काम धंधा नहीं करते। मूलनिवास भी बदलता रहता है। बता दें कि बीकानेर में नशे ने सैकड़ों युवाओं को अपराध के दलदल में फंसने को मजबूर किया है।
