बीकानेर,पांच साल से पुलिस की निगाहों को चकमा दे रहे तस्कर श्यामा उर्फ श्याम सुंदर विश्नोई को एसपी कावेंद्र सिंह सागर द्वारा गठित पुलिस टीम ने धरदबोचा है। कुचौर अगुणी, जसरासर, बीकानेर निवासी 30 वर्षीय श्याम सुंदर पर बीकानेर एसपी ने 20 हजार रुपए का ईनाम घोषित कर रखा था। पांच साल से बीकानेर व श्रीगंगानगर की पुलिस उसकी तलाश कर रही थी मगर वह पुलिस को लगातार चकमा देता रहा। आज पुलिस को उसके नोखा में होने की सूचना मिली। वह जब एक ढ़ाबे पर था तभी पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
कौन है श्यामा:- श्यामा नशीली टेबलेट की तस्करी करता है। उसके खिलाफ चार मुकदमें दर्ज हैं। 30 मई 2020 को श्रीडूंगरगढ़ के तत्कालीन थानाधिकारी सत्यनारायण गोदारा मय टीम गश्त कर रही थी। टीम रिड़ी पहुंची तो सामने से बोलेरो गाड़ी तेज गति से आई। पुलिस की गाड़ी देख बोलेरो चालक ने कट मारते हुए गाड़ी तेज भगाई। पुलिस ने 6 किलोमीटर पीछा किया लेकिन श्यामा गाड़ी छोड़कर भागने में कामयाब रहा। पुलिस को बोलेरो के अंदर तीन कार्टून टेबलेट मिली। यह कुल 1 लाख 15 हजार टेबलेट थी। आरोपी तब से फरार चल रहा था।वहीं वर्ष 2020 में ही श्रीगंगानगर के केसरीसिंहपुर थाने में भी आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत दो मुकदमें दर्ज हुए। एक मामला 10750 नशीली टेबलेट का था, वहीं दूसरा मामला 10500 टेबलेट का था। पुलिस ने कार व स्कूटी भी जब्त की थी। तीनों मामलों में आरोपी फरार चल रहा था।
भाई के मिलते जुलते चेहरे को बनाया अपनी ढ़ाल :- आरोपी ने पुलिस को बताया है कि वह ट्रक ड्राईवर बनकर फरारी काट रहा था। इतने सालों में वह घर ही नहीं आया। इस दौरान वह पंजाब, हरियाणा, गुजरात, एमपी, कर्नाटक व बंगाल आदि राज्यों में ट्रक चलाता रहा। राजस्थान बॉर्डर में प्रवेश ही नहीं किया। जब राजस्थान बॉर्डर तक ही ट्रक लाता, वापिस ट्रक जाता तब उसमें वापिस चला जाता।
श्यामा ने पुलिस को बताया है कि वह अपने भाई रामनिवास के नाम का उपयोग कर रहा था। श्यामा व रामनिवास का चेहरा नब्बे प्रतिशत तक मिलता जुलता है। इसलिए वह रामनिवास की आईडी, ड्राईविंग लाईसेंस रखता। पुलिस पूछती तब अपना नाम रामनिवास बताता। उसने अपना हुलिया भी बदल रखा था। लंबी दाढ़ी व लंबे बाल रखकर भी पुलिस से बचता रहा। उसने दो दिन पहले ही दाढ़ी व कटिंग करवाई थी और आज वह पकड़ा गया। आज भी उसने पुलिस को अपना नाम रामनिवास बताया। मगर इस बार उसकी चालाकी नहीं चली। पुलिस ने कठोर पूछताछ की तो उसने अपना नाम श्यामा उर्फ श्याम सुंदर विश्नोई स्वीकार किया। बताया जा रहा है कि वह नोखा के ढ़ाबे पर किसी से मिलने आया था, आगे उसे पंजाब जाना था। आज
एएसआई दीपक यादव ने फिर दिखाई करामात: श्यामा को पकड़ने के लिए एसपी कावेंद्र सिंह सागर ने स्वयं के निर्देशन में एएसपी ग्रामीण कैलाश सिंह सांदू व सीओ श्रीडूंगरगढ़ के निकट सुपरविजन में थानाधिकारी श्रीडूंगरगढ़ जितेन्द्र स्वामी व साईबर सैल एएसआई दीपक यादव के नेतृत्व में टीम का गठन किया था। टीम ने मुखबिर तंत्र व तकनीकी तंत्र को सक्रिय किया। श्यामा से जुड़े लोगों से पूछताछ की। आज उसके नोखा आने की ख़बर मिली। जिस पर पुलिस टीम ने धर दबोचा। इस सफलता में एएसआई दीपक यादव मय टीम की विशेष भूमिका रही। कार्रवाई करने वाली टीम में एएसआई रामकरण सिंह, एएसआई दिलीप सिंह, हैड कांस्टेबल देवाराम, कांस्टेबल सूर्य प्रकाश, राम, देवेन्द्र, अनिल, विनोद व रामनिवास डीआर शामिल थे।
