जयपुर।राजस्थान के बहुचर्चित फोन टैपिंग केस में नया मोड़ आ गया है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा इस केस में सरकारी गवाह बन गए हैं। लोकेश शर्मा की सरकारी गवाह बनने की एप्लिकेशन को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। फोन टैपिंग केस में लोकेश शर्मा दिल्ली क्राइम ब्रांच में पहले ही बयान दे चुके हैं। अब इस केस में जांच आगे बढ़ सकती है।
लोकेश शर्मा के सरकारी गवाह बनने के बाद अब इस केस में नया मोड़ आना तय है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच लोकेश के बयानों के आधार पर अब पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व एसीएस होम, तत्कालीन डीजीपी और गहलोत राज के कुछ अफसरों से पूछताछ कर सकती है। सरकारी गवाह बनने से लोकेश शर्मा को इस केस में राहत मिल गई है।
लोकेश शर्मा को क्राइम ब्रांच ने अरेस्ट कर तुरंत छोड़ दिया था
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 21 दिन पहले ही सोमवार को लोकेश शर्मा को गिरफ्तार कर छोड़ दिया था। लोकेश शर्मा को 21 नवंबर को पटियाला हाउस कोर्ट से अग्रिम जमानत मिली हुई थी। इससे पहले, 14 नवंबर को खुद लोकेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में फोन टैपिंग केस में दायर गिरफ्तारी से राहत देने और केस राजस्थान ट्रांसफर करने की याचिका वापस ले ली थी। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक हट गई थी।
लोकेश शर्मा ने कहा था- फोन टैपिंग में गहलोत से हो पूछताछ, मेरा रोल नहीं
लोकेश शर्मा ने क्राइम ब्रांच में दिए बयानों में केस को लेकर अशोक गहलोत के खिलाफ कई बातें बोली थीं। बयानों में कहा था- फोन टैपिंग में मेरी कोई भूमिका नहीं है। अशोक गहलोत ने ही मुझे पेन ड्राइव में ऑडियो क्लिप देते हुए कहा था कि इसे मीडिया में भेज दो। मेरी फोन टैपिंग में कोई भूमिका नहीं है।
अब इस मामले में जो कुछ बता सकते हैं, वह गहलोत ही बता सकते हैं। अब अशोक गहलोत से क्राइम ब्रांच पूछताछ करे। उनके नजदीकी अफसरों से भी पूछताछ हो, वे ही बता सकते हैं। सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के फोन भी सर्विलांस पर थे।
