भारत में कई बड़े मंदिर जिसमें रोज हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं वहां दर्शन के लिए बड़ा समय लगता है। लोग लंबी लंबी लाइनों में लगे घन्टों दर्शन के लिए प्रतीक्षा करते रहते हैं। वहीं कई मंदिरों में ये व्यवस्था है कि निर्धारित शुल्क देकर वीआईपी दर्शन कर सकते हैं। जिसमें प्रतीक्षा भी नहीं करनी पड़ती। इस व्यवस्था के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर हुई है।
सुप्रीम कोर्ट मंदिरों में वीआईपी दर्शन के लिए लगाए जाने वाले शुल्क के खिलाफ याचिका पर जनवरी 2025 में सुनवाई करेगा। याचिका में कहा गया है कि यह प्रथा अनुच्छेद 14 और 21 के तहत संविधान का उल्लंघन है। यह शुल्क के आधार पर भक्तों के साथ भेदभाव करते हैं।
