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सादुल स्पोर्ट्स स्कूल भूख हड़ताल के 19 वें दिन जारी,सरकार की चुप्पी से बढ़ता आक्रोश

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बीकानेर,प्रदेश के एकमात्र आवासीय खेल विद्यालय, सादुल स्पोर्ट्स स्कूल के बाहर क्रीड़ा भारती के नेतृत्व में जारी भूख हड़ताल आज 18वें दिन में प्रवेश कर चुकी है। क्रीड़ा भारती के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि यह आंदोलन सरकार और शिक्षा विभाग की उदासीनता के खिलाफ प्रदेशभर में जनाक्रोश का प्रतीक बनता जा रहा है।

खिलाड़ियों का प्रतिनिधि दल जयपुर में शिक्षा विभाग से मिला

आंदोलन के बीच, खिलाड़ियों का एक प्रतिनिधि दल जयपुर स्थित शिक्षा संकुल पहुंचा और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के ओएसडी सतीश गुप्ता से मुलाकात की। प्रतिनिधि दल में दानवीर सिंह भाटी व भैरूरतन ओझा ने ओएसडी को खिलाड़ियों की समस्याओं और उनकी मांगों से अवगत करवाया।

दानवीर सिंह भाटी ने शिक्षा संकुल में आयोजित इस बैठक में बताया कि:
1. डाइट की गुणवत्ता और आपूर्ति – खिलाड़ियों को उचित पोषण नहीं मिल रहा, जिससे उनकी शारीरिक और मानसिक क्षमता प्रभावित हो रही है।
2. खेल उपकरणों और सुविधाओं का अभाव – सादुल स्पोर्ट्स स्कूल में प्रशिक्षक के 12 में से 10 पद वर्षों से खाली है तथा खेल उपकरणों की भारी कमी है, जिससे नियमित प्रशिक्षण बाधित हो रहा है।
3. खराब बुनियादी ढांचा – हॉस्टल और प्रशिक्षण स्थलों की बदतर स्थिति खिलाड़ियों के भविष्य पर सीधा असर डाल रही है।

ओएसडी सतीश गुप्ता ने खिलाड़ियों की मांगों को गंभीरता से सुनते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन प्रतिनिधि दल ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी समस्याओं का ठोस समाधान नहीं होगा, आंदोलन जारी रहेगा।

दानवीर सिंह भाटी ने बैठक के बाद कहा:
“हमने अपनी समस्याओं और मांगों को स्पष्ट रूप से रखा है। अब यह सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे इन मुद्दों का समाधान जल्द से जल्द करें। यदि ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आंदोलन और तेज होगा।”

बुनियादी सुविधाओं के लिए जारी लड़ाई

सादुल स्पोर्ट्स स्कूल, जिसे राज्य की खेल प्रतिभाओं का केंद्र माना जाता है, बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है। छात्रों को डाइट, खेल उपकरण और बुनियादी ढांचे की कमी का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षा विभाग की अनदेखी और सरकार की चुप्पी से खिलाड़ी और उनके समर्थक गहराई से आहत हैं।

आंदोलन को तेज करने की चेतावनी

आंदोलनकारी छात्रों ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो वे प्रदर्शन को और व्यापक और उग्र रूप देंगे।
“हम अपने अधिकारों की लड़ाई में पीछे नहीं हटेंगे। सरकार को खिलाड़ियों के भविष्य से खिलवाड़ बंद करना होगा,” उन्होंने कहा।

सरकार की चुप्पी पर सवाल और बढ़ा जनसमर्थन

17 दिनों से जारी इस भूख हड़ताल के बावजूद सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से ठोस कदम न उठाया जाना गंभीर सवाल खड़े करता है। स्थानीय लोगों, अभिभावकों और खेल संगठनों का समर्थन आंदोलन को और सशक्त बना रहा है।

आंदोलन जारी, संघर्ष अटल

आंदोलनकारियों ने दोहराया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, यह संघर्ष जारी रहेगा। सरकार को अब यह तय करना होगा कि वह प्रदेश की खेल प्रतिभाओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी कब निभाएगी।

सरकार को प्रदेश की खेल प्रतिभाओं की अनदेखी का रवैया तुरंत बदलना होगा। अन्यथा, यह आंदोलन सरकार के लिए एक बड़ी राजनीतिक और सामाजिक चुनौती बन सकता है।

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