बीकानेर में सेंट्रल जेल की लापरवाही से एनडीपीएस एक्ट में जेल भेजे गए बंदी को रिहा कर दिया गया। दरअसल, इसी बंदी को एक अन्य मामले में जमानत मिल गई थी। ऐसे में तुरत-फुरत में जेल प्रशासन ने उसे घर जाने दिया, बाद में पता चला कि उसे तो एनडीपीएस एक्ट में भी जेल में रखना था। अब इस पूरे मामले में लापरवाह अधिकारियों पर गाज गिरने की तैयारी है। जेल अधीक्षक ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने देनिक भास्कर को बताया- नोखा के उडसर गांव का मदनलाल खींचड़ हतया के एक मामले में जेल बंद था। उसे हाल ही में एडीजे कोट नेहत्या मामले में आर्म्स एक्ट का दोषी माना था। तीन साल की सजा सुनाई गई। मदनलाल के वकील ने जमानत याचिका दायर की, जिस पर उसे बुधवार को जमानत मिल गई। जेल में जमानत के कागज पहुंचे तो मदनलाल को रिलीज कर दिया गया (छोड़ दिया)। मदनलाल इस सजा से पहले ही एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में भी जेल में था। दो मामलों में जेल में बंदी मदनलाल ने जमानत के कागज पेश किए तो उसे रिलीज कर दिया गया। जब वो घर चला गया तो जेल
प्रशासन को ध्यान आया कि मदनलाल एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में भी बंदी है।
जेलर रामप्रताप ने दैनिक भास्कर को बताया कि एनडीपीएस एक्ट के जिस मामले में उसे जेल में रखा जाना था, उसका वारंट बाद में मिला था, जबकि जमानत के कागज पहले मिल गए थे। इसी कारण उसे रिहा कर दिया गया। अब वापस पकड़कर जेल में बंद किया जाएगा।
अब ढूंढ रहे हैं मदनलाल को
जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने गुरुवार को इस बारे में पुलिस अधीक्षक कावेंद्र सिंह सागर को जानकारी दी थी, जिसके बाद से पुलिस उसकी तलाश कर रही है। मूल रूप से नोखा के रहने वाले मदनलाल को पुलिस के साथ जेल पुलिस भी ढूंढ रही है।
16 मुकदमे हैं बंदी के खिलाफ
बंदी मदनलाल के खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में सोलह मामले दर्ज है। वह जसरासर थाने का ए श्रेणी का हिस्स्रीशीअर भी हे। पुलिस ने तेरह जून को उसे और एक अन्य सांवरमल को गिरफ्तार किया था। इनकेपास से करीब पंद्रह ग्राम एमडी बरामद हुई थी।
दोषी पर होगी कार्रवाई
जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने इस बारे में दैनिक भास्कर से कहा कि हम पूरे मामले की छानबीन कर रहे हैं कि वो बंदी को रिलीज कैसे कर दिया गया? इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
