बीकानेर।नगर निगम अब घर-घर कचरा संग्रहण व्यवस्था को सुधारने के लिए तकनीक का सहारा लेगा। इसके लिए शहर के दो से सवा दो लाख घरों के दरवाजे के पास आरएफआईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) तकनीक के टैग लगाए जाएंगे। वार्ड 12 में ये चिप लगाई जाने लगी हैं। इस सेक्टर को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया है। अगर सफल रहा तो शहर के प्रत्येक घर पर ये चिप लगाई जाएंगी। बीकानेर में व्यास कॉलोनी के सेक्टर पांच में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। इसके जरिए डोर-टु-डोर कचरा संग्रहण में लगे वाहनों के रूट सहित पूरी मॉनिटरिंग हो सकेगी।
नई तकनीकी से निगम को केवल मॉनिटरिंग करनी होगी। इससे न केवल निगम की डोर-टु-डोर वेस्ट कलेक्शन की व्यवस्था सुधरेगी बल्कि आमजन को भी राहत मिलेगी। उन्हें बार-बार फोन करके वाहन बुलाने की जरूरत नहीं होगी। निगम चयनित वार्डों में गली के मुहाने और अंतिम छोर पर आरएफआईडी तकनीक लगाएगा जो सेंसर युक्त प्रणाली है। यह चयनित वार्डों के 10 से 15 प्रतिशत मकानों पर लगेंगे। वाहन आते ही सेंसर उसे डिटेक्ट करेगा। वह सूचना निगम कार्यालय तक पहुंच जाएगी।
हरियाणा में सबसे पहले इस्तेमाल हुई आरएफआईडी तकनीक आरएफआईडी तकनीक का हम आमतौर पर उपयोग तब करते हैं, जब खुदरा दुकानों में खरीदारी के लिए जाते हैं। डेबिट, क्रेडिट कार्ड या फास्टैग से भुगतान इसी तकनीक से होता है। अब इसका उपयोग डोर-टु-डोर वेस्ट कलेक्शन के लिए किया जाने लगा है। एक साल पहले गुरुग्राम, हरियाणा में नगर निगम ने 1,75,000 घरों के बाहर आरएफआईडी टैग लगाए। सबसे पहले इस पद्धति को अपनाने वालों में इंदौर और जबलपुर भी शामिल हैं। राजस्थान के जयपुर और जोधपुर शहर में भी इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
ऐसे काम करेगी तकनीक
आरएफआईडी एक तरह की चिप है। जो प्रत्येक घर के बाहर लगाई जाएगी। इस चिप का नियंत्रण कमांड कंट्रोल रूम से होगा। मकान, दुकान, स्कूल, कॉलेज या किसी प्रतिष्ठान पर ये लगेगी। सुबह जब टिपर कचरा कलेक्शन करने जाएंगे तो उस घर पर लगी चिप कमांड कंट्रोल में हरा रंग शो करेगी। कचरा उठाने के बाद टिपर का कर्मचारी अपने पास रखी मशीन से घर के सामने लगी चिप को स्कैन करेगा।
स्कैन करते ही कमांड कंट्रोल में उस घर की लोकेशन पीले रंग की हो जाएगी। इसके अलावा घर मालिक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक मैसेज आएगा। फिलहाल वार्ड 12 में चिप लगाई जा रही हैं। पूरे वार्ड के प्रत्येक घर में चिप लगने के बाद उस पर कमांड से कंट्रोल शुरू होगा और तब तस्वीर साफ होगी कि ये कितना कारगर है। अगर प्रोजेक्ट सफल रहा तो प्रत्येक घर पर टैगिंग होगी।
“अभी पॉयलट प्रोजेक्ट लिया है। वार्ड 12 को इसमें जोड़ा है। इस वार्ड के प्रत्येक घरों में आरएफआईडी चिप लगाई जा रही है। प्रयोग सफल रहा तो पूरे शहर में ये प्रोजेक्ट लागू किया जाएगा। टिपर ठेकेदार की शर्तों में ये शामिल था और वही ये काम कर रहा है। कमांड कंट्रोल रूम से सारी चीजें नियंत्रित होंगी।”
- मयंक मनीष, आयुक्त, नगर निगम
