बीकानेर । बीकाणा शहर हर त्यौहार के लिए खास चाहे होली हो गणगौर हो या फिर दीपावली प्रत्येक त्यौहार अपनी अलग अलग पहचान के लिए प्रसिद्ध है। इसी तरह दीपावली के अवसर पर शहर के कोतवाली व नयाशहर थाना इलाके में आम सडक़ों पर खुले आम जुए का खेल होता है। पुलिस की लाख कोशिश के बाद यह सामाजिक बुराई रुक नहीं रही है। दीपवाली से पहले ही जुआरियों ने अपने अपने ऐसे ठिकाने बना लिये है जहां पुलिस की मुखबिर भी खोजने में नाकाम है। कोतवाली थाना क्षेत्र के बड़ा बाजार, भूजिया बाजार, सब्जी मंडी, घुमचक्कर, सिंगियों का चौक में बने हनुमान मंदिर के पीछे व गलियों में , लक्ष्मीनाथ घाटी, शीतला गेट, मोहता का चौक,चाय पट्टी आदि इलाको में धनतेरस से लेकर रामशामा तक दिन रात जुआ आम सडक़ पर युवा व बुजुर्ग खेलते नजर आते है। पुलिस आती है अपनी डयूटी करके इतिश्री कर लेती है। इस तरह नयाशहर इलाके के नत्थुसर गेट के बाहर व अंदर, झवंरों का चौक, गोपाीनाथ भवन के पास, ब्रह्मा पुरी चौक,चुनगरान मोहल्नले,कसाई की बारी , गोरी दूध भंडार के पीछे डिडूसिपाहियों का मौहल्ला, मिठाई के कारखाने के पास, जसोलाई तलाई, डागा चौक, सदापतेह, जस्सूसर गेट के बाहर व अंदर बिस्सों का चौक व उसके आस पास की गलियों में देर रात तक जुआ जमकर चलता है सहित कई ऐसी जगह है जहां पर खुलेआम जुआ होता है।
संकड़ी गलियों में जमा जुआ
पुलिस के डर से अब जुआरियों ने शहर की संकड़ी गलियों में अपना ठिकाना बना लिया है जहां पर पुलिस की गाड़ी नहीं जा सकती है। देखने में आया कि शहर की संकड़ी गलियों में शाम से सुबह 4 बजे तक व दोपहर में भी जुए की मंडी लग रही है।
बीकानेर के बाहर से आते है जुआरी
मजे की बात है बीकानेर के जुआरी तो है ही बीकानेर के आस पास के जिलों से भी बड़े जुआरी बीकानेर में दीपावली के अवसर पर आ जाते है जो सुरक्षित स्थान पर जुए का खेला होता है। लेकिन पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहे है।
इन स्थानों से आते है
नागौर, सरदाशहर, फलौदी, जयपुर जोधपुर सहित कई जिलों व ग्रामीण इलाको से आते है।
रात तक चलता है जुआ
हमारे विशेष सूत्रों से जानकारी मिली है कि शहर के कोटगेट थाना क्षेत्र व गंगाशहर कोतवाली आदि इलाकों में ऐसी जगह पर जुए का खेल हो रहा है जहां पुलिस का परिंदा भी नही ंपहुंच सकता है। जहां शाम 9 बजे से रात बारह बजे तक व दूसरी पारी 12.30 से सुबह तीन बजे तक लगातार चलता है।
जहां जुए का खेल चलता है उस चकरी में शामिल होने के लिए पहले जुए खिलाने वाले को प्रत्येक जुआरी को 200 रुपये का टोकन लेना पड़ता है उसके बाद ही अंदर घुसाया जाता है।
फाइनेंसरों की हुई बल्ले बल्ले
जहां पर जुआ चलता है वहां पहले से फाइनेंसर बैठे है जो मोटे ब्याज पर रुपये तुरंत उपलब्ध करवा देते है
एक युवक धर्मेन्द्र ने बताया कि फाइनेसर से दस हजार रुपये लेते है तो वो मौके पर आठ हजार ही देता है और वापस एक घंटे में दस हजार रुपये ही लेंगा। बताया जा रहा है इस ब्याज के कारण युवा वर्ग भयंकर परेशान है इसी के चलते दो तीन युवकों ने मौत के गले लगा लिया है।
