बीकानेर।बीकानेर के चौखूंटी में ट्रेन डिरेल करने की साजिश सामने आई है। बदमाशों ने रेल ट्रैक की फिश प्लेट खोल दी थी। गनीमत रही कि उस ट्रैक से ट्रेन गुजरने से पहले ही कुछ जागरूक युवकों ने उसे देख लिया। उन्होंने खुले नट समय रहते जोड़ दिए थे। इससे बड़ा हादसा टल गया। रेलवे पुलिस इस मामले की जांच की बात कह रही है।
उधर, सूचना मिलने के बाद लालगढ़ रेलवे स्टेशन के रेलवे सुरक्षा बल (RPF) थाना प्रभारी उषा निरंकारी भी मौके पर पहुंच गईं। उन्होंने आसपास के लोगों से सिरफिरे युवकों के बारे में पूछताछ की। रविवार देर रात तक युवकों की पहचान नहीं हो पाई थी। स्थानीय लोग इसे रेल हादसे की साजिश बता रहे हैं।
पुलिस से पहले सजग युवकों की टीम पहुंची
चौखूंटी क्षेत्र में रेल पटरियों की फिश प्लेट के स्क्रू खोलने की घटना के बाद मौके पर पहुंचे रोहिताश बिस्सा ने बताया कि रविवार शाम करीब साढ़े पांच बजे दो-तीन युवक फिश प्लेट के स्क्रू खोल रहे थे। हम लोग पहुंचे तो लड़के भाग गए। टीम में ओजस्वी, रवि, अनीस और नवाब ने ट्रेन आने से पहले स्क्रू लगा दिए।
रेलवे ट्रैक पर लगी फिश प्लेट, दो रेलों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली धातु की प्लेट होती है। इसे स्प्लिस बार या जॉइंट बार भी कहा जाता है। रेलवे ट्रैक पर फिश प्लेट लगाने के कई फायदे हैं। यह रेल गाड़ियों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करती है। रेल को उसकी उचित स्थिति में रखती है। रेल के एक छोर से दूसरे छोर तक लगने वाले बलों को ले जाती है।
साथ ही, यह ट्रेन के पहियों के भार को एक रेल से दूसरी रेल पर ट्रांसफर करती है। यह रेल जोड़ को दोनों दिशाओं में मजबूती देती है। फिश प्लेट को रेल के सिरों पर बोल्ट करके जोड़ा जाता है। आम तौर पर, सभी फिश प्लेट में बोल्ट को सुरक्षित करने के लिए चार छेद होते हैं। इसके नहीं होने से रेल हादसा होने का खतरा हो सकता है।
हाल की घटनाओं से सबक ले RPF
पिछले कुछ समय से ट्रेन को पटरी से नीचे उतारने की कोशिश हो रही है। दो सप्ताह पहले गुजरात के वड़ोदरा में भी रेल को पटरी से नीचे उतारने की साजिश रची गई। उस घटना में भी आरोपियों ने रेलवे ट्रैक की फिश प्लेट के बोल्ट खोल दिए थे। यह तो गनीमत रही कि हादसा होने से पहले ही रेल कर्मचारियों से इसकी भनक लग गई।
इसी महीने झांसी से सूरतगढ़ पावर प्लांट कोयला ले जा रही मालगाड़ी के 59 वैगन वृंदावन रोड रेलवे स्टेशन के पास पटरी से नीचे उतर गए थे। हादसे में वैगन एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए। उस हादसे को भी रेल कार्मिकों ने रेल गाड़ी को पटरी से नीचे उतारने की साजिश के तौर पर लेते हुए जांच शुरू की थी। बीकानेर में रविवार को हुए घटनाक्रम को भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। आरपीएफ ने आसपास के सीसीटीवी कैमरों को देखने तक की कोशिश नहीं की।
लालगढ़ (बीकानेर) रेलवे स्टेशन के थाना प्रभारी उषा निरंकारी ने कहा-
” रेलवे ट्रैक की फिश प्लेट के बोल्ट खुले मिलने की घटना को गंभीरता से लिया गया है। आसपास के लोगों से पूछताछ की गई, आगे भी की जाएगी। संदिग्ध लोगों की धरपकड़ के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। फिलहाल रेल यातायात सुरक्षित है।
