कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के जेल से इंटरव्यू देने मामले में नया खुलासा हुआ है। पंजाब एसआईटी की टीम ने जांच के बाद सबूत दिए हैं कि जयपुर सेंट्रल जेल में रहते हुए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू हुआ था।
जूम ऐप के जरिए एक टीवी चैनल से जुड़कर लॉरेंस ने इंटरव्यू दिया था। मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम ने राजस्थान पुलिस को इसके सबूत दिए हैं। इसके बाद शुक्रवार रात जयपुर की लालकोठी थाने में केस दर्ज किया गया है।
दरअसल, लॉरेंस बिश्नोई ने फरवरी 2023 में जेल में बंद रहने के दौरान एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया था। मामले की जांच को लेकर कोर्ट के आदेश पर पंजाब पुलिस ने पहली एफआईआर दिसंबर-2023 में और दूसरी जनवरी-2024 में दर्ज की थी।
एसआईटी ने राजस्थान पुलिस को सबूत दिए
दरअसल, मार्च 2023 में लॉरेंस के 2 इंटरव्यू सामने आए थे। लॉरेंस उस समय 21 दिन जयपुर पुलिस की कस्टडी था। एसआईटी ने इस मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब हा कोर्ट में दो में से एक इंटरव्यू राजस्थान की किसी जेल से होने की बात कही थी।
जनवरी-2024 में दर्ज दूसरी FIR की जांच में पता चला कि इंटरव्यू के दौरान गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई जयपुर सेंट्रल जेल में बंद था। अगस्त-2024 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एसआईटी हेड प्रबोध कुमार को राजस्थान डीजीपी को इसके सबूत देने के निर्देश दिए। इसी जांच के आधार पर जयपुर केस दर्ज हुआ है।
फायरिंग केस में पूछताछ के लिए जयपुर लाया गया था
दरअसल, जयपुर के जी क्लब फायरिंग केस में जवाहर सर्किल थाना पुलिस लॉरेंस बिश्नोई को 15 फरवरी को जयपुर लाई थी। यहां लॉरेंस को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उसे 16 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया गया।
लॉरेंस 2 मार्च तक जवाहर सर्किल थाना पुलिस की कस्टडी में कड़ी सुरक्षा के बीच रहा था। पुलिस ने व्यापारियों से रंगदारी मांगने और जी क्लब फायरिंग केस के मामले में लॉरेंस से पूछताछ की थी। पुलिस ने लॉरेंस से रोहित गोदारा, गोल्डी बराड़ और अरविंद बिश्नोई के बारे में भी जानकारी जुटाई थी।
14 और 17 मार्च को टेलीकास्ट हुए दो इंटरव्यू
बठिंडा जेल में शिफ्ट होने के बाद 14 और 17 मार्च को एक निजी न्यूज चैनल पर लॉरेंस बिश्नोई के 2 इंटरव्यू प्रसारित हुए। ये इंटरव्यू सामने आने के बाद पंजाब पुलिस और बठिंडा जेल प्रशासन के होश उड़ गए।
गैंगस्टर बिश्नोई के जेल से प्रसारित हुए इंटरव्यू को गंभीर घटना बताते हुए पंजाब- हरियाणा हाई कोर्ट ने इस पर स्वतः संज्ञान लिया था। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि इंटरव्यू की सुविधा देने वाले अधिकारियों की पहचान करने और उन पर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली
लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। जिसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूली थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने कस्टडी के दौरान दिया था।
दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत
लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी।
लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी।
लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है।
