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केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने संजीवनी मामले में किया बरी

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संजीवनी मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को हाईकोर्ट ने क्लीन चिट दे दी है। बुधवार (25 सितंबर) को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ ठोस सबूत न मिलने पर याचिका खारिज करने का आदेश दिया। केंद्रीय मंत्री का पक्ष रख रहे वकील ने बताया कि आज मामले पर सुनवाई की तारीख थी। जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद कोर्ट ने कहा कि मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की संलिप्तता के कोई सबूत नहीं मिले हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर एसओजी इस मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत को आरोपी नहीं मानती है तो ऐसी स्थिति में इस याचिका का निस्तारित करना जरूरी हो जाता है।
कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि एसओजी द्वारा पेश तथ्यात्मक रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लिया जाता है और इसमें गजेंद्र सिंह शेखावत की संलिप्तता नहीं पाई जाने पर उन्हें इस मामले से बरी करने का आदेश दिया जाता है। अदालत ने यह भी कहा कि यदि भविष्य में आगे जांच की जाती है तो संबंधित अदालत की मंजूरी के बिना मामले की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ाई जा सकेगी।

गजेंद्र सिंह शेखावत बोले- सत्य की जीत हुई
कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का बयान सामने आया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज सत्य की जीत हुई है। किसी भी सत्य को झूठ के आडंबर से बहुत दिन तक नहीं ढंका जा सकता है। जयपुर में बुधवार को राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बगैर उन पर तंज कसते हुए शेखावत ने कहा कि अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं, अपने बेटे की पराजय और प्रदेश की जनता द्वारा भाजपा को विजय दिलाने की खींझ से उपजी मानसिकता के तहत जिस तरह झूठे केस में मुझे घसीटने को कोशिश की गई थी।
उन्होंने कहा- आज राजस्थान उच्च न्यायालय ने उस केस को बंद कर दिया है और आगे भी कोर्ट के आदेश के बिना जांच नहीं करने का आदेश भी दिया है। कोर्ट का आदेश इस बात बात को साबित करता है कि मुझे फंसाने का किस तरह का कुत्सित प्रयास किया गया था।

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