शहर के पुलिसकर्मी अब चोरों का ही साथ देने लगे हैं। मुक्ताप्रसाद नगर में हुई चोरी को लेकर थाने के एक एएसआई पर चोर की सहायता करने का आरोप लग रहा है। जानकारी होने के बाद भी पुलिस ने 6 दिन तक मामला दबाए रखा। इस बीच परिवादी ने ही दौड़ भाग कर चोर को पकड़ा। उससे चोरी का कुछ माल भी बरामद हुआ है।
मुक्ता प्रसाद नगर के मकान नंबर 7/154 में 6 सितंबर की रात करीब 12.30 बजे चोरी हो गई। चोर गहने और नकदी सहित करीब 40 लाख रुपए के सामान पर हाथ साफ कर गया। घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में चोरी की घटना रिकॉर्ड हो गई। घर वाले परिवार में गमी होने के कारण बाहर गए थे। 12 सितंबर को लौटे तो चोरी का पता चला।
परिवादी लक्ष्मण पड़िहार ने अज्ञात शख्स के खिलाफ मुक्ताप्रसाद थाने में मुकदमा दर्ज करवा दिया। उसी दिन परिवादी की पत्नी को घर की छत पर एक आधार कार्ड मिला, जो किसी संपत उर्फ ओमप्रकाश का था। यह व्यक्ति उनके घर से कुछ ही दूरी पर रहता था। शक होने पर परिवादी लक्ष्मण उसके घर पहुंचे तो पता चला कि संपत तीन-चार दिन से घर नहीं आया। उन्होंने संपत के भाई शिव नायक पर दबाव बनाया तो वह एक थैला लेकर आया, जिसमें चोरी का सामान मिल गया।
“मुक्ता प्रसाद थाने के एएसआई रूपाराम के विरुद्ध शिकायत आई है। इसकी जांच के आदेश सीओ सिटी को दिए हैं। इस मामले में चोर को पकड़ लिया गया है। रिकवरी भी हो गई है।”
ऑडियो : चोर के भाई ने एएसआई से कहा- मेरे भाई के पीछे कोई मोटा आदमी है….
शिव : मेरे टेंशन हो रही है भाई साब। डर लग रहा है। मां की तबीयत ठीक नहीं है। दो दिन से रोटी नहीं खाई।
एएसआई : मैं मेला ड्यूटी में चला गया था। शाम को आता हूं। तू रोटी खा ले कोई दिक्कत नहीं है। भाई घर आए तो धीरे से फोन करना।
शिव : साब, उसके साथ मारपीट मत करना। उसके पीछे कोई मोटा आदमी है। उसका पता लगाना है। मां बता रही है कि उसके साथ एक आदमी आया था। उससे पैसे लेकर गया है।
एएसआई : हूं, हूं, अच्छा।
शिव : मोबाइल भी उसके पास नहीं है। मम्मी सो जाती है तो किसी दूसरे के फोन से बात करता है। मैं आपको वह नंबर दूंगा। गांजे का नशा करता है। बोलता है कपड़े और बैग भेजना। बोलता है मैं परेशान हो चुका हूं। पुलिस वाले मुझे जीने नहीं देते। मेरा नशा छूटता नहीं है। मैं वापस पकड़ा जाऊंगा।
एएसआई : अच्छा, चलो ठीक है।(डैली न्यूज़ राजस्थान इस ओडीओ की पुष्टि नही करता)
पुलिस की कार्रवाई पर खड़े हुए सवाल
- चोर के भाई ने घटना के दूसरे दिन जब एएसआई को वाट्सअप पर चोरी के माल के फोटो भेज दिए तो उसने संज्ञान क्यों नहीं लिया? जबकि एएसआई को घटनाक्रम की जानकारी हो चुकी थी।
- परिवादी ने चोर के भाई और उसका मोबाइल मुक्ता प्रसाद पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। उसके बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?
- चोरी का माल चोर के घर से बरामद हुआ। उसके भाई और मां ने छिपा कर रखा। पुलिस थाने पर सूचना तक नहीं की। उन्हें अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?
- चोरी के बाद आरोपी किसी के घर पर छिपा रहा। उनका फोन लगातार उसकी मां के पास आता रहा। इसका कनेक्शन पुलिस ने क्यों नही खोजा?
- ऑडियो में आरोपी का भाई एएसआई से कह रहा है कि इस काम के पीछे किसी मोटे आदमी यानी प्रभावशाली व्यक्ति का हाथ है। इस बिंदु पर जांच क्यों नहीं की गई।
पुलिस शिकायत न करने का दबाव बना रही
लक्ष्मण ने संपत उर्फ ओमप्रकाश के भाई का मोबाइल खंगाला तो हैरान रह गया। उसके मोबाइल पर मुक्ता प्रसाद नगर थाने के एएसआई रूपाराम सियाग की चैटिंग मिली। चोरी के सामान के फोटो उसने रूपाराम को दूसरे दिन ही दोपहर में भेज दिए थे। उनकी बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मिली है। जिसे सुनने के बाद लक्ष्मण ने चोर से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए एएसआई की शिकायत सीओ सिटी से की है।
लक्ष्मण ने बताया कि संपत चोरी करने के बाद अपने दोस्त के यहां छिप गया था। इसकी सूचना भी पुलिस को दे दी गई। उन्होंने बताया कि हमने चोर को पकड़वा दिया। चोरी का माल भी बरामद करवा दिया। एएसआई की चोर से सेटिंग के सबूत भी पुलिस को सौंप दिए, लेकिन कार्रवाई करने के बजाय हमें ही कहा जा रहा है कि रूपाराम की शिकायत उच्चाधिकारियों से ना करें। उसकी नौकरी चली जाएगी।
