प्रदेश में शिक्षा विभाग का राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह एक सितंबर को सुबह 11 बजे सुखाड़िया विश्वविद्यालय परिसर में होगा। समारोह में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आना भी प्रस्तावित था, लेकिन शनिवार को विभाग की ओर से जारी निमंत्रण पत्र में उनका नाम नहीं है। ऐसे में यह तय हो गया है कि इस आयोजन में वे नाहीं आ रहे हैं। मुख्य अतिथि के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर होंगे, अध्यक्षता टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी करेंगे।

कार्यक्रम में 15 लाख से लेकर 14.11 करोड़ तक का दान देने वाले 157 भामाशाहों के अलावा उन 87 प्रेरकों का भी सम्मान होगा, जिन्होंने भामाशाहों को दान के लिए प्रेरित किया। 31 भामाशाह ऐसे हैं, जिन्होंने एक करोड़ से अधिक की राशि दी है। इनमें उदयपुर के चार भामाशाह हैं। उदयपुर से कुल 9 भामाशाहों 24 लाख रुपए से लेकर 2:12 करोड़ क तक की राशि दी है। इस बार सबसे बड़े भामाशाहों के तौर पर प्रदेश में एनपीसीएल रावतभाटा के निदेशक सुनील गाडगील ने 14.11 करोड़ की राशि दी है, जबकि उदयपुर में रविंद्र हेरियस प्रालि. के निदेशक राधे एस. चौकसरी 2.12 करोड़ का दान कर पहले पायदान पर रहे हैं।

कार्यक्रम को लेकर शासन सचिव कृष्ण कुणाल, निदेशक, सीताराम जाट, आशीष मोदी सहित विभिन्न अधिकारी उदयपुर पहुंच चुके हैं। बता दें कि यह पहला मौका है, जब राजधानी से बाहर राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह आयोजित हो रहा है। उदयपुर से पहले जोधपुर व कोटा भी इसकी दौड़ में थे, लेकिन ऐनवक्त पर उदयपुर का चयन किया गया। एक करोड़ से अधिक की राशि देने वाले या इस राशि से निर्माण कार्य कराने वाले 31 भामाशाहों को विभाग और राज्य सरकार की ओर से शिक्षा विभूषण तथा 15 लाख से एक करोड़ रुपए तक देने वाले बाकी 126 भामाशाहों को शिक्षा भूषण की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। उदयपुर जिले से 5 भामाशाहों को शिक्षा विभूषण और 4 को शिक्षा भूषण से सम्मानित किया जाएगा। इन्हें दान के लिए प्रेरित करने वाले 87 प्रेरकों को भी विशेष प्रेरक सम्मान किया जाएगा।
