जयपुर के एक होटल में अकाउंटेंट ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। मरने से पहले उसने वॉट्सऐप स्टेटस पर अपनी फोटो के साथ चार पेज का सुसाइड नोट लगाया। लिखा- मैं अपनी जान दे रहा हूं। प्रभात से दुखी होकर मर रहा हूं। उसे उम्र कैद की सजा हो। वो कहता है कि मैं महापुरा का डॉन हूं, मैं किसी से नहीं डरता। पुलिस मेरे पैर पकड़ती है।
SHO (बगरू) हरीश चंद्र सोलंकी ने बताया- दहमी कला बगरू के रहने वाले सुनील कुमावत (30) ने सुसाइड किया है। वह बगरू रीको स्थित किस्टल पॉइंट में अकाउंटेंट था। युवक माता-पिता, भाई-भाभी और पत्नी-बच्चों के साथ रहता था। बच्चे पांच और तीन साल के हैं। 26 अगस्त को वह सुबह नौकरी पर गया था। देर शाम तक घर नहीं लौटा। रात 9:30 बजे कॉल करने पर घरवालों को थोड़ी देर में आने के लिए कहा। घर जाने की बजाय वह छीतरोली स्थित रिद्धि-सिद्धि होटल पहुंच गया। होटल में किराए पर कमरा लेकर रात को रुका। देर रात होटल के कमरे में सुसाइड नोट लिखने के बाद फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया।
वॉट्सऐप स्टेटस पर लगा था सुसाइड नोट
सुनील के भाई ओमप्रकाश कुमावत ने बताया- सुसाइड करने की रात को कई बार कॉल किया था। सुनील ने रिसीव नहीं किया। पहले की तरह बहन या दोस्त के घर जाने की सोचकर घरवाले सो गए। 27 अगस्त की सुबह 7 बजे उठकर वॉट्सऐप स्टेटस देखने पर भाई की फोटो के साथ चार पेज का सुसाइड नोट लगा मिला।
अनहोनी की आशंका के चलते बगरू थाने पहुंचकर भाई के बारे में पुलिस को बताया। मोबाइल लोकेशन छीतरोली स्थित होटल की आने पर वहां पहुंचे। होटल के बाहर पार्किंग में सुनील की बाइक खड़ी मिली। होटल स्टाफ से पूछकर सुनील के बुक कमरे पर पहुंचे। कमरा अंदर से बंद होने पर पुलिस की मदद से धक्का देकर खोला। कमरे के अंदर सुनील का शव लटका मिला। पुलिस ने शव को उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए CHC बगरू की मॉर्च्यूरी भिजवाया।

मेरा नाम सुनील कुमावत है। मैं दहमी बालाजी रीको रोड पर रहता हूं। मेरा जन्म 2 अप्रैल 1994 को हुआ था। मैं रीको में किस्टल पॉइंट में अकाउंटेंट हूं। मेरे घरवाले बहुत अच्छे हैं। पापा, भाई-बहन सब अच्छे हैं। वाइफ और बच्चे भी अच्छे हैं। मैं पहले केशव प्लाइवुड में काम करता था। वहां 3 साल अकाउंटेंट था। वहां पर 18-20 लड़के काम करते थे, उसमें से एक प्रभात नाम का लड़का भी था। वह महापुरा में रहता था। प्रभात जाट ने मेरे से 1.40 लाख रुपए ले रखे थे। मैं उससे पैसे मांगता तो वह मुझे बोलता की दूंगा, पैसे आने दे। वो देता नहीं था। उसको बोलते-बोलते 2 साल हो गए, लेकिन पैसे नहीं दिए। मैं अब पैसे मंगता हूं तो वो मेरे को मारने की धमकी देता था। कहता है कि आने दे, जब दूंगा पैसे अभी नहीं है।
घरवालों को मारने की धमकी दी

रक्षाबंधन (19 अगस्त) के दिन मैं वाइफ को आसलपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में सांभर के लिए बैठाने गया था। उस दिन प्रभात जाट और उसके साथ एक लड़का और था। इन्होंने महला से लेकर बोराज तक मुझे बहुत परेशान किया। मैंने वाइफ को कुछ नहीं बोला। फिर में वाइफ को ट्रेन में बैठाकर वापस आ रहा था। आसलपुर और बोराज के बीच में वो खड़े थे। उन्होंने मुझे रुकवाया। मेरे पास से 13 हजार 500 रुपए और डेबिट कार्ड छीन लिया। मेरी बाइक को पंचर कर चले गए। मैंने उनको बोला कि मैं पुलिस को बोलूंगा। वो बोले तू पुलिस को बोलेगा तो तेरे को और घरवालों को मार दूंगा। फिर चले गए।
लड़कों से पिटवाया
प्रभात जाट का सुबह (20 अगस्त) मेरे पास कॉल आया कि महेंद्रा सेज के पास तेरे पैसे लेने आ जा। तेरे को पूरे पैसे दे दूंगा। मैंने बोला कि मैं नहीं आ सकता, आप मुझे फोन पे करवा दो। वो बोला- हमारे पास कैश है। फिर मैंने बोला कि ठीक है, आ जाऊंगा। उन्होंने बोला कि 11:30 बजे आना, मैंने बोला ठीक है। वहां गया तो 12-15 लड़के थे, उसमें प्रभात नहीं था। फिर मैंने प्रभात को कॉल किया कि तू नहीं आया। बोला- मेरे आदमी आ रखे हैं न। वो तुझे पैसे दे देंगे। फिर उन लड़कों ने मुझे मारा और बोले- पैसे भूल जा नहीं तो यहां से तेरी लाश जाएगी। धमकाया- पुलिस को बताया तो तेरे घरवाले और तुझे मार देंगे।

उसके बाद प्रभात का फोन आया। बोला- मिल गए पैसे। उसने फोन पर गाली देकर मारने की धमकी दी। सुनील ने आगे लिखा- मेरी पुलिस से विनती है कि प्रभात को सजा मिलनी चाहिए। उम्र कैद की सजा मिलनी चाहिए। जो प्रभात ने मेरे साथ किया है, वो किसी के साथ नहीं करें। मैं आत्महत्या कर रहा हूं। मेरे मरने का कारण प्रभात जाट है। मैं उससे दुखी होकर मेरी जान दे रहा हूं। मेरी बगरू पुलिस से यही विनती है। उसको उम्र कैद की सजा मिलनी चाहिए। अब मैं कुछ नहीं बोलूंगा, मैं अपनी जान दे रहा हूं। उसका पूरा नाम प्रभात रूडला है, जो महापुरा का है।

