बीकानेर। यातायात पुलिस व जिला प्रशासन की अनदेखी व लापरवाही सड़क हादसों को बढ़ावा दे रही है। शहर में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे बिना हेलमेट वाहन सरपट दौड़ाते देखे जा सकते हैं। अधिकांश बच्चे जिनकी उम्र 18 से कम है और उनके पास लाइसेंस तक नहीं है। यह बच्चे दुपहिया वाहनों से स्कूल जाते हैं और स्कूल के आसपास ही खड़ी कर देते हैं। स्कूल प्रबंधन और अभिभावक बच्चों की सुरक्षा को लेकर जरा-भी गंभीर नहीं है। अभिभावकों की गलती है कि वे नाबालिगों को वाहन देकर बाहर भेजते हैं। लेकिन अभिभावकों को अब नाबालिग बच्चों को वाहन देना भारी पड़ेगा।
नाबालिगों को वाहन चलाने की अनुमति देने, चलवाने या प्रेरित करने वाले अभिभावकों पर तीन साल तक की सजा और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसे लेकर परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग ने सभी जिला कलेक्टर, पुलिस आयुक्त, रेंज आईजी और पुलिस अधीक्षकों को आदेश जारी किया है। आदेशों के अनुसार मोटर वाहन (संशोधन) (सं. अधिनियम-2019 के प्रावधानों के अनुसार 18 से कम आयु के बच्चे वाहन चलाते पकड़े जाने पर अभिभावक जिमेदार होंगे। वाहन का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र एक साल के लिए निरस्त कर दिया जाएगा। नाबालिग का ड्राइविंग लाइसेंस भी 25 साल की उम्र के बाद बनेगा।
दरअसल, माइनर ड्राइविंग एट के एक सर्वे में सामने आया है कि सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वालों में 40 फीसदी 12 से 18 वर्ष के नाबालिग होते हैं। ऐसे में हादसों में कमी लाने के लिए यह विभाग ने यह निर्णय लिया है। है। इसको लेकर अभियान भी चलाया जाएगा।
