बीकानेर। शहर को विकास के पंख लगाने के दावे बहुत होते है। प्रशासन के आलाधिकारी अलग अलग अधिकारियों के साथ बैठकें कर खाका तो तैयार करते है। लेकिन जब इनको अमीलीजामा पहनाने का समय आता है तो स्थिति वहीं ढाक के तीन पात वाली हो जाती है। कुछ ऐसा ही हाल राजीव गांधी मार्ग के सामने से स्टेशन जाने वाली रोड का है। जहां बेतरजीब ऑटो खड़े रहने से न केवल आमजन बल्कि यहां के दुकान व होटल संचालक परेशान होते है। जबकि इस रोड पर यातायातकर्मी भी तैनात रहते है। वहीं दो सौ मीटर दूरी पर थाना तथा सांखला फाटक के पास स्थाई रूप से पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी रहती है। उसके उपरान्त भी टैक्सी चालक दुकान-होटलों के आगे खड़े होकर दिक्कतें पैदा करते है। इनके यहां खड़े रहने से पैदल चालकों व वाहन चालकों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है। मंजर यह है कि यातायातकर्मी इन टैक्सी चालकों को हटाने के लिये माथापच्ची भी करते है। परन्तु ये टैक्सी चालक किसी की नहीं सुनते। स्थिति उस समय ओर विकट हो जाती है। जब फोर्ट स्कूल की छुट्टी होती है। ऐसे में यहां से महिलाओं व लड़कियों का निकलना भी सुरक्षित नजर नहीं आता। इस बारे में स्थानीय निवासी सरिता आसोपा का कहना है कि आएं दिन बेतरजीब टैक्सियों के जमावड़े से यातायात तो जाम होता ही है। जाम में खड़े वाहनों से निकलने वाले धुंए से दम घुटने लगता है। इस बारे में पूर्व संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने जरूर व्यवस्था में सुधार किया था तो कुछ राहत मिली थी। लेकिन अब वापस वहीं हालात होने से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह है कि कई बार तो घर में प्रवेश करने के लिये इन टैक्सी चालकों से दो दो हाथ करने पड़ते है। पुलिसकर्मियों को कहने पर भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है।
