राजस्थान पुलिस में SI भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। फोरेंसिंक जांच में AI (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) के इस्तेमाल का खुलासा हुआ है। डमी अभ्यर्थी बैठाकर परीक्षा पास कराने वाली गैंग ने एआई की मदद से मूल अभ्यर्थी के फोटो और डमी की फोटो को ऐसे मिक्स किया कि आरपीएससी भी चकमा खा गई। उधर, शुक्रवार को एसओजी पेपर लीक और डमी अभ्यर्थी की मदद से चयनित 5 ट्रेनी एसआई को पकड़ने राजस्थान पुलिस एकेडमी (आरपीए) ट्रेनिंग सेंटर जयपुर पहुंची। यहां एक ही ट्रेनी मिला, बाकी चार भाग गए।
5 अभ्यर्थियों की फोटो एआई की मदद से बनाई एसओजी ने गिरफ्तार अभ्यर्थियों के दस्तावेज हर एंगल से जांच दायरे में लेते हुए एफएसएल में जांच के लिए भेजे थे। फिलहाल इनमें 5 अभ्यर्थी ऐसे निकले हैं, जिनकी जगह डमी अभ्यर्थी को बिठाने के लिए दोनों की फोटो को एआई से मिक्स कर दिया गया। AI की मदद से मूल अभ्यर्थी का ललाट, आंखें, पुतलियां, हेयर स्टाइल, नाक, होंठ, ठुड्डी, दाढ़ी से लेकर कानों की बनावट को ऐसे कॉपी किया गया कि नकली अभ्यर्थी पकड़ में ना आए। ओरिजनल और डमी की 60-40% अनुपात में मिक्सिंग कर कलर फोटो तैयार की गई।
अब तक 36 सब इंस्पेक्टर की हो चुकी है गिरफ्तारी अब एसओजी ने राज्य सरकार को मामले से अवगत कराते हुए भविष्य में अलर्ट रहने के लिए आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड को आगाह किया है। गौरतलब है कि सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में अब तक 36 सब इंस्पेक्टरों को एसओजी ने गिरफ्तार किया था। ये आरपीए में ट्रेनिंग कर रहे थे।
डमी कैंडिडेट बैठाने के लिए 10-15 लाख लिए थे एसआई भर्ती में सांचौर की इंदूबाला और उसकी चचेरी बहन भगवती के लिए डमी बनकर वर्षा ने परीक्षा दी थी। बाड़मेर की हरखू के लिए इंदूबाला, टोंक के चेतन सिंह के लिए सुरेश और बाड़मेर की मंजू के लिए छम्मी बनकर परीक्षा दी।
टोंक के हनुमान ने 10-15 लाख में मूल अभ्यर्थी के बजाय डमी को बिठाने के लिए प्रोफेशनल टीम बना रखी थी। आरोपी रेवेन्यू डिपार्टमेंट में एलडीसी था। आरोपियों ने प्लानिंग के तहत प्रोफेशनल गैंग से संपर्क कर रखा था। गैंग ने फोटो स्टूडियों में एआई के जरिए फोटो मिक्स कर हूबहू बनाई।
तकनीक से 3 जगह गच्चा खा गई आरपीएससी फर्जी परीक्षार्थियों ने आरपीएससी के सिस्टम को हिलाकर रख दिया। प्रवेश-पत्र डाउनलोड करने पर अभ्यार्थी के जो फोटो सामने आती है वे क्लियर नहीं होती है। ब्लैक एंड व्हाइट फोटो की क्वालिटी ठीक नहीं थी। एफएसएल जांच में आया कि गैंग ने चेहरे के कॉमन फीचर जैसे दाढ़ी, आंख का रंग, पुतलियां, नाक, कानों की बनावट, बालों की स्टाइल, भौंहें असली अभ्यर्थी और डमी के मिक्स करके नई फोटो बनाई। इस फोटो को लेकर डमी अभ्यर्थी परीक्षा सेंटर पहुंचे। श्री लेयर जांच में भी पकड़ में नहीं आए। एफएसएल रिपोर्ट में एआई इनपुट मिलने के बाद दूसरी भर्तियां भी राडार पर हैं। इसे लेकर एसओजी ने अलर्ट किया है।
लंच करने गए थे, लौटे ही नहीं शुक्रवार को एडिशनल एसपी राम सिंह की मॉनिटरिंग में एक टीम पांचों को गिरफ्तार करने के लिए RPA भेजी गई थी। टीम आरपीए पहुंची तब पांचों लंच पर गए थे। दिनेश को लौटते ही गिरफ्तार कर लिया गया। इसकी सूचना मिलते ही गोविंद, शंकरलाल, प्रियंका और मोनिका फरार हो गए।
कड़ी से कड़ी जोड़ रहा एसओजी
एसओजी ने नई कड़ियां जोड़ने के लिए दो लोगों को उदयपुर और एक को अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल से गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। पेपर लीक मामले में एसओजी अब तक आरपीए से 33 ट्रेनी एसआई और 3 चयनित होने के बाद भी ट्रेनिंग जॉइन नहीं करने वाले एसआई को गिरफ्तार कर चुकी है। साथ ही 26 पेपर लीक करने वाले गैंगस्टर व हेंडलर्स को गिरफ्तार किया है।
उदयपुर जेल में बंद दो और अजमेर जेल से बंद एक आरोपी को रिमांड पर लिया
एसओजी ने 2 आरोपियों को उदयपुर जेल और एक को अजमेर सिक्योरिटी जेल से गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। तीनों ने सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा के साथ एसआई भर्ती परीक्षा में भी लीक पेपर बेचा था।
- राजीव विश्नोई निवासी सरनाउ सांचौर ने एसआई भर्ती परीक्षा के दूसरे दिन 14 सितंबर 2021 को जगदीश द्वारा लीक पेपर सॉल्व किया था। 15 सितंबर को लीक पेपर को पढ़कर अजमेर में एसआई का एग्जाम दिया था। 17वीं रैंक आई थी। सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा में लीक पेपर मामले में उदयपुर जेल में बंद था।
- गमाराम विश्नोई निवासी चितलवाना सांचौर निलंबित पटवारी है। सेकेंड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा में सारण गैंग से पेपर लेकर बेचा था। जेल से गिरफ्तार किया।
- अरुण शर्मा निवासी श्रीमाधोपुर ने शेरसिंह से सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती व एसआई भर्ती का लीक पेपर खरीद कर बेचा था। उसे अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल से गिरफ्तार किया है।
एक माह पहले तुलसाराम और पोरव कालेर को गिरफ्तार किया
एसओजी में एडीजी वीके सिंह ने बताया एक माह पहले तुलसाराम और पोरव कालेर को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरपीए में ट्रेनिंग ले रहे एसआई दिनेश कुमार निवासी धोरीमन्ना बाड़मेर, गोविंद कुमार निवासी बदरूना-झाब सांचौर, शंकरलाल निवासी धोरीमन्ना बाड़मेर, प्रियंका कुमारी निवासी देवड़ा-जालौर और मोनिका निवासी दादिया सीकर के नाम सामने आए। तुलसाराम और पोरव की गैंग ने ही पांचों को पेपर उपलब्ध करवाए थे।
मेरिट वाले एसओजी की परीक्षा में केवल पास हुए एसओजी की टीम ने जब पांचों आरोपियों की आरपीएससी परीक्षा के अंक और एसओजीजी द्वारा ली गई परीक्षा के अंकों को खंगाल तो पता चला कि आरपीएससी की परीक्षा में पांचों मेरिट में आए थे, जबकि एसओजी की परीक्षा में केवल पास हुए।


