
राजस्थान बजट इस बार भी वही घिसा पीटा व सिर्फ कागजी (नजर नही आने वाला) बजट है,ये बजट कम बल्कि चुनावी घोषणा पत्र ज्यादा लग रहा है,लग रहा जैसे बस उपचुनाव की पांचो सीटे जितने के मकसद से बनाया हो।
बजट में हर बार की तरह इस बार भी बीकानेर ठगा हुआ ही महसूस हुआ है,जब कि बीकानेर संभाग में विधायक की 7 मेसे 6 सीट व 1 सांसद बीजेपी की होने के बावजूद बीकानेर शहर के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है,बीकानेर का जो नासूर ट्रैफिक व्यवस्था रेलवे फटकों की है इस पर कोई घोषणा नहीं की गई है, बीकानेर शहर से छोटे-छोटे शहर मे विकास प्राधिकरण है,लेकिन बीकानेर को विकास प्राधिकरण की घोषणा नही की गई, दूसरे जिलों में एयरपोर्ट को डेवलपमेंट करने के लिए बजट दिया गया,लेकिन बीकानेर पर कोई गौर नहीं किया गया।
यह बजट मजदूर विरोधी गरीब विरोधी और बेरोजगार विरोधी बजट है।
शहर के विधायक व सांसद की उदाशीनता का नतीजा है,राजस्थान के 7 संभाग में एक बीकानेर है पर विकास के मामले में एक छोटे जिले से भी पिछड़ा हुआ है,जिस पर इस ओर किसी भी सरकार ने ध्यान नही दिया,कारण हमारे यहां के नेताओ की उदासीनता है,जिनका मुह अपने आलाकमान के सामने कभी खुला ही नही।
