युवक की लाठियों से पीट-पीटकर हत्या करने वाले आरोपियों के घरों पर गुरुवार को बुलडोजर चलाया गया। प्रशासन ने 3 जगहों पर बनाए गए कच्चे-पक्के घरों को तोड़ा। इस दौरान एक आरोपी की मां फूट-फूटकर रोने लगी। बोली- बेटे ने गलत किया है तो उसे जान से मार दो, हमें सजा क्यों दे रहे हो। सूरजगढ़ एसडीएम दयानंद रूयल और चिड़ावा डीएसपी विकास धींधवाल के नेतृत्व में कार्रवाई की गई। मामला झुंझुनूं के सूरजगढ़ के बलोदा हत्याकांड से जुड़ा है।
जानकारी के मुताबिक 14 मई रामेश्वर वाल्मीकि (27) की शराब माफिया से जुड़े लोगों ने किडनैप कर लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने दो दिन बाद 16 मई को आरोपियों को पकड़ लिया था। गुरुवार को प्रशासन ने हत्याकांड में शामिल तीन आरोपियों शराब ठेका संचालक सुशील जाट, आरोपी प्रवीण मेघवाल निवासी बलोदा, प्रवीण उर्फ पीके निवासी उरिका के मकानों को तोड़ दिया गया। इस दौरान गांव में 5 थानों की पुलिस मौजूद रही।
प्रशासन का अमला पहुंचा तो मची चीख-पुकार सबसे पहले बदमाश प्रवीण उर्फ पीके के गांव उरिका में कार्रवाई की गई। बलोदा गांव के बंधड़ी की जोहड़ी में एक कमरा बना हुआ था। यह कमरा अवैध रूप से बना था। पुलिस और प्रशासन ने इस कमरे को तोड़ दिया।
इसके बाद बलोदा गांव में शराब ठेका संचालक सुशील जाट और आरोपी प्रवीण मेघवाल का मकान तोड़ा गया। पुलिस ने प्रवीण की मां, बहनों और भाई को सामान खाली करने को कहा। बच्चों और महिला ने रोते हुए सामान निकाला। मौके पर मौजूद ग्रामीणों और परिजनों ने गरीबी का हवाला देते हुए मकान न तोड़ने की अपील की, लेकिन प्रशासन ने एक नहीं सुनी और मकान पर बुलडोजर चला दिया।
महिला और बच्चे मकान नहीं तोड़ने की मिन्नत करते रहे। आरोपी प्रवीण की मां ने कहा कि बेटे ने गलत काम किया है तो उसे जान से मार दिया जाए, लेकिन घर तोड़कर हमें परेशान क्यों कर रहे हैं। अब हम कहां रहेंगे। रहने के लिए छत भी नहीं है।
वाल्मीकि समाज ने किया था कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन गुरुवार को वाल्मीकि समाज ने झुंझुनूं में कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया था। मृतक रामेश्वर के परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की थी। आरोपियों को फांसी देने की भी मांग की गई।
ये है मामला
रामेश्वर वाल्मीकि को 14 मई की सुबह 11 बजे उसके घर से दीपेंद्र उर्फ चिंटू, प्रवीण कुमार उर्फ पीके, सुभाष उर्फ चिंटू, सतीश उर्फ सुख निवासी बलोदा, प्रवीण उर्फ बाबा निवासी उरीका थाना सूरजगढ़ ने किडनैप कर लिया। वे उसे गांव में एक हवेली पर ले गए थे। उसे डंडे से पीटते रहे। शाम 7 बजे उसका शव घर के पास फेंक गए थे। शराब की रंजिश में आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया था। दो दिन बाद 16 मई को पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। एक नाबालिग को भी डिटेन किया गया था।
