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स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिक बालिकाओ को मनरेगा मजदूर बता कर उठाया भुगतान।

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DNR News,बीकानेर। 

ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारों को रोजगार देने के लिये चलाई जा रही मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार चरम पर है। मजे बात तो यह है कि इसकी शिकायतें होने के बाद भी कार्रवाई न के बराबर है। हालात यह है कि फर्जी तरीके से भुगतान उठाने वालों पर शिकंजा नहीं कसा जा रहा है। बल्कि भ्रष्टाचार करने वाले कार्मिकों पर कार्रवाई होने की बजाय लिपापोती कर मामले की इतिश्री कर दी जाती है। जिले के पूनरासर गांव में फर्जी मनरेगा मजदूरों के नाम से जॉब कार्ड बनाकर भुगतान उठाने के मामले में एक नया फर्जीवाड़ा ओर सामने आया है। जिसमें नाबालिग बालिकाओं को बालिग बताकर उनके नाम के जॉब कार्ड बना दिए गये और इनको मजदूर बनाकर उनकी मजदूरी भी उठा ली गई। जबकि नाबालिग बालिकाएं मजदूरी के समय स्कूल में अध्ययन करती भी पाई गई। इसको लेकर आरटीआई कार्यकर्ता रविन्द्र सारस्वत ने सीएम भजनलाल शर्मा सहित जिले के आलाधिकारियों को शिकायती पत्र लिखा है। उनका आरोप है कि ग्राम पंचायत पूनरासर में 9926489 नामक जॉब कार्ड स्कूली बालिका के नाम से बनाया गया है। जबकि उसकी उम्र महज स्कूली रिकार्ड के आधार पर 17 वर्ष ही है। जबकि उसे 19 वर्ष का बताकर उसको मनरेगा में बतौर मजदूर दिखाकर भुगतान भी उठाया गया। स्कूल से मिले हाजरी रजिस्टर में उक्त ऐसी दो बालिकाओं को नरेगा मजदूर दिखाया गया है। जो मजदूरी समय में स्कूल में अध्ययन कर रही है। जिन्होंने कोई नरेगा मजदूर का काम नहीं किया। इतना ही नहीं कार्मिकों व अधिकारियों की मिलीभगती से फर्जी जॉब कार्ड बनाकर लाखों रूपये का चूना सरकार को लगाया गया है।

इन नंबरों के बने है फर्जी जॉब कार्ड
शिकायती पत्र में बताया गया है कि 50392832(कपड़ा व्यवसायी),9925671 (विदेश में),50396060 (सरकारी कर्मचारी की पत्नी),9503113772(आयकर विभाग के निरीक्षक की पत्नी),9926813(स्कूली विद्यार्थी),9926348(पूर्व सरपंच प्रतिनिधि),9926914(कलकता प्रवासी,5039831 (मेडिकल स्टोर संचालक),50396096(पुजारी दुकानदार) वाले जॉब कार्ड वाले है। जिनके भुगतान भी उठाएं गये बताया जा रहा है। इस प्रकार की प्रथम शिकायत 8 सितम्बर 23 को संभागीय आयुक्त को की गई थी। जिसके बाद डीसी की ओर से 13 सितम्बर 23 को श्रीडूंगरगढ़ विकास अधिकारी को एक पत्र संख्या जिपबी/जांच/2022-23/3159 देकर तत्काल जांच करने के निर्देश दिए थे। किन्तु आज दिनांक तक श्रीडूंगरगढ़ विकास अधिकारी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

इन पर लगाएं गये है फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप
सारस्वत ने अपनी शिकायत में सरपंच प्रकाश नाथ सिद्व,तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी रोहिताश कुमार,पूर्व रोजगार सहायक शुभकरण छींपा,संविदाकर्मी कानी सिद्व,तत्कालीन सहायक शिवलाल पर फर्जीवाड़ा का भुगतान उठाने के आरोप लगाये है। इनमें पूर्व रोजगार सहायक शुभकरण छींपा अभी जोधपुर जिला परिषद् के बाप पंचायत समिति के कानासर ग्राम पंचायत में कनिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत है। जो पूनरासर का मूल निवासी ही है। वहीं तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी सेवानिवृत होने वाले है।

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