
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व सीएम अशोक गहलोत की बहू हिमांशी गहलोत के बयान सियासी चर्चा का मुद्दा बन गए हैं। हिमांशी गहलोत ने जालोर लोकसभा सीट पर वैभव गहलोत के प्रचार के दौरान सैनी समाज के लोगों के बीच इमोशनल कार्ड का सहारा लेते हुए कहा कि आपने माली लड़के को हरवा दिया तो आगे आपके समाज को टिकट नहीं मिलेगा। आजकल गारंटी नहीं होती, लेकिन मैंने तो शादी भी आपके समाज के लड़के से की है, इसलिए मेरा हक बनता है कि आपसे बात करूं।
हिमांशी गहलोत ने कहा– आपके यहां खुद के समाज के लड़के को टिकट मिला है। हमारे समाज के लोग राजनीति में बहुत कम हैं। अब वक्त आ गया है, इस बात को समझने की जरूरत है। हमारे समाज के पूरे भारत में कितने तो मुख्यमंत्री हैं बता दीजिए? कितने मंत्री हैं और कितने ही राजनेता हैं, जो अच्छे पदों पर बैठे हैं? अंगुलियों पर गिनती कर सकते हैं, इतने ही हैं। अगर मेरे माली लोग ही एक माली लड़के को हरा देंगे तो क्या कोई कभी टिकट देगा?

हिमांशी ने वहां मौजूद एक युवक से पूछा क्या आप माली हो? युवक ने हां कहा तो हिमांशी ने कहा- यह भइया अगर पार्षद बनता है, फिर टिकट मांगने जाएगा और कहेगा कि मैं माली हूं, पार्टी भी सोचेगी की जनता माली के साथ खड़ी है, इसको टिकट दो। अगर वैभव गहलोत को हरवा दिया तो आगे कौन टिकट देगा?
फिर आगे आपकी जाति को कौन टिकट देगा?
हिमांशी ने कहा- हमारी जाति को मजबूत करना है, जो लड़का आपका अपना है, आपके समाज से निकला है, उसको मजबूत करना है, ताकि वह आपको मजबूत कर सके। आगे के चार लड़कों को और मजबूत कर सके, जो आपकी पहचान बनेंगे। गली-गली से निकलकर आज आप नहीं खड़े होंगे तो फिर कोई आपकी जाति के लड़के को टिकट नहीं देगा यह मान लेना।

वैभव हार गए तो माली जाति की हार नहीं होगी क्या?
हिमांशी ने कहा- आपने साथ नहीं दिया तो चर्चा यह चलेगी कि जहां सबसे ज्यादा माली थे, वहां माली होकर भी हार गया। जालोर लोकसभा में माली सबसे ज्यादा है। वैभव को यहां से इसलिए टिकट मिला है कि आपकी जाति के अनुसार परफेक्ट है। आपके अपने लोग हैं। अब आप बता दो, अगर वैभव यहां से हार जाए तो किसकी हार हुई? हमारी जाति की हार नहीं हुई क्या? आप चले जाना जयपुर, जोधपुर और लोग कहेंगे कि आपने अपने आदमी को हरवा दिया, क्या आपने अपने बेटे को हरवा दिया? फिर आपको कौन पूछेगा?
मैंने तो शादी भी आपके समाज के लड़के से की है, मेरा हक बनता है
हिमांशी ने कहा- मैं तो आपकी बेटी और बहू बनकर पूछने आई हूं। आपके समाज की हूं, मैं आपसे पूछ सकती हूं। दूसरी जाति की होती तो हक नहीं बनता, आपके समाज में जन्म लिया है और आपके समाज के लड़के से शादी की है, क्योंकि आजकल गारंटी नहीं होती मैं तो शादी भी आप ही के समाज में की है, तो इतना हक मुझे अपने लोगों से मांगने का बनता है कि है कि आपका अपना बेटा चुनाव लड़ रहा है, इसे कामयाब करना है।
