अलवर के आरआर अस्पताल और प्रिबगौम बेबी सेंटर में शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की रेड के बाद हड़कंप मच गया। शुरुआती जांच में सामने आया कि मामला बच्चों को खरीदने-बेचने से जुड़ा है।
सुबह 9 बजे शहर के 60 फीट रोड स्थित आर आर अस्पताल में जयपुर और दिल्ली से सीबीआई की टीम पहुंची। यहां कल्कि टेस्ट ट्यूब बेबी या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) सेंटर है। सामने आया है कि दिल्ली में कोख के सौदे को लेकर खुलासा हुआ था, उसी के तहत सीबीआई टीम अलवर तक पहुंची। वहीं जैसे ही इस कार्रवाई के बारे में प्रिबगौम बेबी सेंटर के संचालक डॉ. पंकज गुप्ता को पता चला तो वे अस्पताल से जुड़े जरूरी डॉक्युमेंट लेकर फरार हो गए।
इस कार्रवाई के बाद अस्पताल के गेट को लॉक कर लोगों की एंट्री भी बंद कर दी गई थी। अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही इस बारे में बताया जाएगा।

4 घंटे तक अस्पताल में रही टीम
आरआर अस्पताल की संचालिका डॉ. रीना यादव और उनके स्टाफ से भी सीबीआई टीम ने पूछताछ की। अस्पताल में सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक कार्रवाई चली। इसके बाद टीम प्रिबगौम इंडो बेबी सेंटर पहुंची थी।
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि बच्चों के लेन-देन से जुड़ा मामला है, जिसकी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रिबगौम इंडो बेबी सेंटर की डिलीवरी पहले कल्कि आईवीएफ सेंटर में होती थी। अधिकारियों ने बताया कि लेन-देन का कैसा और क्या मामला है इसके बारे में पूरी जांच होने के बाद बताएंगे।
सीबीआई टीम दोनों हॉस्पिटल के बैंक लॉकर भी खंगाल रही है। इस कार्रवाई के दौरान नए मरीजों की हॉस्पिटल में एंट्री बंद कर दी गई।
तीन महीने पहले एक महिला ने लगाया था कोख का सौदा करने का आरोप
दरअसल, तीन महीने पहले झारखंड की एक महिला ने कोतवाली थाने में प्रिबगौम बेबी सेंटर के संचालक डॉ. पंकज गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।। महिला ने आरोप लगाया था कि उसे गूगल से पता चला था कि इस सेंटर में कोख किराए पर देने का सौदा होता है। इसी के बाद कॉन्टैक्ट किया तो 3 लाख रुपए में सौदा तय हुआ। महिला ने आरोप लगाया था- यहां इलाज के बाद भी वह प्रेग्नेंट नहीं हुई और बाद में इलाज के नाम उसके शरीर में से ऐग निकाल दिए गए थे। महिला ने सेंटर संचालक पर ये भी आरोप लगाया था- जब पैसे मांगे तो बोला कि कोई दूसरी लड़की लाओ, जो बच्चे को जन्म दे सके।
