हिंडौन सिटी के एक न्यायाधीश पर गंभीर आरोप लगा है। उन पर एक गैंगरेप पीडि़ता से उसके शरीर पर लगी चोटों को देखने के लिए कपड़े उतारने को कहने का आरोप है। यह घटना 30 मार्च को हुई जब पीडि़ता 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराने अदालत पहुंची थी।
पीडि़ता का आरोप है कि बयान दर्ज करने के बाद मजिस्ट्रेट ने उसे चेंबर में बुलाया और कहा, “कपड़े उतार, तेरे बदन पर बने जख्म देखने हैं।” पीडि़ता ने इनकार कर दिया और कहा कि वह महिला पुलिसकर्मी की मौजूदगी में ही बयान देगी।
राजस्थान उच्च न्यायालय के संज्ञान में मामला आने के बाद मामले को राजस्थान उच्च न्यायालय के सतर्कता रजिस्ट्रार अजय सिंह जाट के नेतृत्व वाली एक टीम को सौंपा गया है। जाट ने बुधवार को करौली में पीडि़ता से मुलाकात की और उसका बयान दर्ज किया।
इस घटना के बाद पीडि़ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने मजिस्ट्रेट के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
यह घटना न्यायिक व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। पीडि़ता को न्याय मिलने की उम्मीद थी, लेकिन उसे अपमानित होना पड़ा।
यह घटना न्यायिक व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।
इस मामले की आगे की क्या संभावनाएं हैं:
पुलिस मजिस्ट्रेट से पूछताछ करेगी
पुलिस सबूत इक_ा करेगी।
पुलिस अपनी जांच रिपोर्ट अदालत में पेश करेगी।
दोषी पाए जाने परअदालत मजिस्ट्रेट के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
यह घटना न्यायिक व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। पीडि़ता को न्याय मिलने की उम्मीद थी, लेकिन उसे अपमानित होना पड़ा। लोगों ने इस घटना की निंदा की है और मजिस्ट्रेट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
