नई दिल्ली। आयकर विभाग ने भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की नींव हिला दी है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले आयकर विभाग ने कांग्रेस के तमाम लेनदेन में करवंचना का पुर्नमूल्यांकन किया। इसके बाद पहला नोटिस जारी करते हुए 1700 करोड़ रुपए कर, ब्याज और पेनाल्टी ठोंक दी। कांग्रेस इस नोटिस पर को कार्रवाई कर पाते की आयकर विभाग ने 30 मार्च को 1867 करोड़ रुपए के फिर तीन नोटिस फिर थमा दिए। कांग्रेस पार्टी इस मामले को कोर्ट में ले गई थी लेकिन कोर्ट ने भी कांग्रेस को कोई राहत देने से मना कर दिया है। कांग्रेस इस मामले को लेकर हमलावर है। आयकर न के खिलाफ भाजपा का अहंकार ब्रुताते हुए पूरे देश में प्रदर्शन किया। कांग्रेस Whमहासचिव जयराम रमेश ने कहा कि
सरकार कर आतंकवाद फैला रही है। हम इस आतंकवाद से नहीं डरने वाले हैं।
जानिए किस नोटिस में कितनी रकम
2014-15 के लिए 663.05 करोड़ 2015-16 के लिए 663.89 करोड़ 2016-17 के लिए 417.31 करोड़ 2017-18 से 2020-21 के लिए 1700 करोड़उच्चतम न्यायालय से भी नहीं मिली है राहत
आयकर विभाग ने एक और मामले में 135 करोड़ रुपए का नोटिस जारी किया था। इसके खिलाफ कांग्रेस पार्टी उच्चतम न्यायालय गई लेकिन अभी तक यहां से कोई राहत पार्टी को नहीं मिली है। पार्टी के पहले से ही सील हैं। कांग्रेस पार्टी का लगातार विरोध कर रही है।
विपक्षी दल के लिए क्या हो अलग कानून?
कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने प्रतिक्रिया दी है। भाजपा ने कहा है कि यह कांग्रेस का अहंकार है। क्या क्या विपक्षी दल के लिए एक अलग कानून होना चाहिए? कांग्रेस कर में हेराफेरी करने बाद अब लोगों को भी ह करने में लगी है।
