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CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 237 याचिकाएं: याचिकाकर्ता बोले- एक बार नागरिकता दे दी तो बदलना मुश्किल होगा; 19 मार्च को होगी सुनवाई

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नई दिल्ली1 घंटे पहले

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केंद्र सरकार ने CAA लागू होने का नोटिफिकेशन 11 मार्च को जारी किया था। - Dainik Bhaskar

केंद्र सरकार ने CAA लागू होने का नोटिफिकेशन 11 मार्च को जारी किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (15 मार्च) को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 2024 पर रोक लगाने की मांग वाली 237 याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। इसे 19 मार्च को लिस्ट किया है। CAA के खिलाफ दायर याचिकाओं में से 4 में कानून पर रोक लगाने की मांग की गई है।

याचिका लगाने वालों में IUML, असम कांग्रेस नेता देबब्रत सैकिया, असम जातियतावादी युवा छात्र परिषद, डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने आवेदन दायर किए हैं।

केंद्र सरकार ने CAA लागू होने का नोटिफिकेशन 11 मार्च को जारी किया था। इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

कोर्ट रूम में क्या-क्या हुआ…
सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच से याचिका पर जल्द सुनवाई की अपील की। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की तरफ से पेश हुए सिब्बल ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 में पारित किया गया था। उस समय कोई नियम नहीं था, इसलिए कोर्ट ने इस पर कोई रोक नहीं लगाई।

सिब्बल बोले- अब सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले कानून लागू करने अधिसूचना जारी कर दी है। यदि प्रवासियों को नागरिकता दी जाती है, तो इसे पलटना असंभव होगा। इसलिए अंतरिम आवेदन पर जल्द सुनवाई की जा सकती है।

इसके बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाओं की लिस्टिंग पर मुझे कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन याचिका लगाने वालों को प्रवासियों को नागरिकता देने पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है।

दलीलें सुनने के बाद CJI चंद्रचूड़ ने कहा- हम इस पर 19 मार्च को सुनवाई करेंगे। साथ ही 190 पुरानी याचिकाओं पर भी उसी दिन सुनवाई होगी। सभी पक्षों के पॉइंट अलग हैं। आपके पास कुछ वकील भी होने चाहिए, ताकि कोई ओवरलैपिंग न हो। हम किसी को भी अपना पक्ष रखने से नहीं रोक सकते।

नागरिकता संशोधन कानून की 3 बड़ी बातें…

1. किसे मिलेगी नागरिकता: 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।

2. भारतीय नागरिकों पर क्या असर: भारतीय नागरिकों से CAA का कोई सरोकार नहीं है। संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। CAA या कोई कानून इसे नहीं छीन सकता।

3. आवेदन कैसे कर सकेंगे: आवेदन ऑनलाइन करना होगा। आवेदक को बताना होगा कि वे भारत कब आए। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर पाएंगे। इसके तहत भारत में रहने की अवधि 5 साल से अधिक रखी गई है। बाकी विदेशियों (मुस्लिम) के लिए यह अवधि 11 साल से अधिक है।

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