राजस्थान। राजस्थान के 3 हजार 737 महात्मा गांधी स्कूल और प्रदेश के अन्य सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को अब रिक्त पदों से नहीं जूझना पड़ेगा। सोमवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इन स्कूलों में 11 हजार 576 टीचर्स की पोस्टिंग कर दी है। पिछले दिनों जिन टीचर्स ने महात्मा गांधी स्कूल में जाने की इच्छा जताई थी, उनका चयन करके अब पोस्टिंग दी गई है। इसमें सामान्य टीचर, सब्जेक्ट टीचर, लेक्चरर और प्रिंसिपल के पदों पर पोस्टिंग की गई है।
25 अगस्त 2024 को आयोजित लिखित परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में कार्यरत टीचर्स को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पोस्टिंग दी गई है। अब इन टीचर्स को प्रदेशभर में कहीं भी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में ही पोस्टिंग दी जा सकती है। अलग कैडर तैयार होने से अब इन टीचर्स का हिन्दी माध्यम स्कूलों में ट्रांसफर नहीं होगा।
अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में राजस्थान सिविल सेवा (अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कार्मिकों की नियुक्ति के लिए विशेष चयन और सेवा की शर्तें) नियम 2023 के तहत ये पोस्टिंग की गई है।
अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करने के बाद सरकारी टीचर बनने वाले टीचर्स की लिखित परीक्षा ली गई थी। रिजल्ट पहले ही घोषित कर दिया गया था लेकिन पोस्टिंग अब हो रही है। चयनित टीचर्स से ऑनलाइन विकल्प भरवाया गया था। जिसके आधार पर उपलब्ध सीटों पर पोस्टिंग दी गई है।
किस पद की कितनी पोस्टिंग
प्रिंसिपल के 380
लेक्चरर के 875
वरिष्ठ अध्यापक के 1205
अध्यापक लेवल 2 के 3978
अध्यापक लेवल 1 के 5138
एक वर्ष के लिए चयन
इन टीचर्स का फिलहाल एक साल के लिए चयन किया गया है। अगर एक साल में इनका रिजल्ट सही नहीं रहता है और किसी अनुचित प्रक्रिया में लिप्त पाए जाते हैं तो इन्हें अंग्रेजी माध्यम स्कूलों से वापस कार्यमुक्त कर दिया जाएगा। कार्यकाल एक-एक वर्ष के लिए ही बढ़ाया जाएगा। कार्य संतोषजनक नहीं होने पर अगले वर्ष कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा।
कई टीचर्स को मिला गृह जिला
प्रदेशभर में ग्रेड थर्ड टीचर्स के ट्रांसफर नहीं हो रहे हैं। महात्मा गांधी स्कूलों में चयन के बाद कई टीचर्स को बिना ट्रांसफर ही गृह जिला मिल गया है। अगर बीकानेर का कोई टीचर चित्तौड़गढ़ में कार्यरत है और उसने वहां महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में चयन के लिए एग्जाम क्लियर किया है तो उसका अब पदस्थापन उसके गृह जिले में भी हो सकता है। टीचर्स से इसीलिए पोस्टिंग से पहले विकल्प भरवाए गए थे। टीचर लेवल वन और लेवल टू के टीचर्स को सबसे ज्यादा गृह जिले मिले हैं।
