जयपुर।राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य के दो महत्वपूर्ण मामलों राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव और एसआई भर्ती 2021 पेपर लीक – पर सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब मांगा है। ये दोनों ही मामले युवाओं और छात्रों के भविष्य से जुड़े हैं, जिन पर अदालत की तीखी नजर बनी हुई है।
छात्रसंघ चुनाव पर सरकार को मोहलत
राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव न कराए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 10 दिन के भीतर जवाब पेश करने का आदेश दिया है। जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने छात्र जय राव की याचिका पर यह निर्देश जारी किया।
प्रतिनिधित्व का संवैधानिक अधिकार
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शांतनु पारीक ने तर्क दिया कि प्रत्येक छात्र को अपना प्रतिनिधि चुनने का संवैधानिक हक है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी मूलभूत अधिकार माना है।
लिंगदोह कमेटी के नियमों की अवहेलना
याचिका में बताया गया कि विश्वविद्यालय लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन कर रहा है, जिसके तहत सत्र शुरू होने के 6 से 8 सप्ताह के भीतर चुनाव कराए जाने चाहिए।
एसआई भर्ती पेपर लीक का मामला
एसआई भर्ती 2021 पेपर लीक मामले में भी सुनवाई पूरी हो चुकी है। याचिकाकर्ता पक्ष की बहस पूरी होने के बाद, अदालत ने अगली सुनवाई 4 अगस्त को तय की है, जिसमें राज्य सरकार अपना पक्ष रखेगी।
भर्ती रद्द करने की मांग
याचिकाकर्ताओं के वकील आरपी सिंह और हरेन्द्र नील ने अदालत से भर्ती को रद्द करने की अपील की। उनका कहना है कि भर्ती रद्द न करने का सरकार का फैसला ही याचिका को अर्थहीन नहीं बनाता।
हाईकोर्ट की व्यापक शक्तियां
अधिवक्ताओं ने संविधान के अनुच्छेद 226 का जिक्र करते हुए कहा कि हाईकोर्ट को याचिका में की गई प्रार्थना से आगे बढ़कर फैसला देने की व्यापक शक्तियां प्राप्त हैं।
SOG रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर जोर
याचिकाकर्ता ने एसओजी की रिपोर्ट के स्रोत पर सरकार की आपत्ति को खारिज करते हुए कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि दस्तावेज सही हैं या नहीं, और अगर सही हैं तो हाईकोर्ट को जनहित में इस पर संज्ञान लेना चाहिए।
गृह विभाग ने मांगी थी राय
यह भी सामने आया है कि गृह विभाग ने 22 मार्च 2024 को एसओजी से भर्ती रद्द करने के संबंध में राय मांगी थी, जिससे याचिकाकर्ताओं के पक्ष को मजबूती मिली है।
