राजस्थान।आधार संशोधन की प्रक्रिया युवाओं के लिए फर्जीवाड़े से कमाई का जरिया बन चुकी है। अपडेट कराने के नाम पर आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा कर 674 से अधिक युवाओं ने अपनी उम्र बढ़ा ली। अब ये केंद्र और राज्य सरकार की बुजुर्ग पेंशन योजना का लाभ उठा रहे हैं। ये 674 लोग नागौर जिले की महज 15 ग्राम पंचायतों के हैं, जो हर महीने 7 लाख 41 हजार 400 रुपए उठा रहे हैं।
अगर जांच की जाए तो प्रदेश में ऐसे युवाओं की संख्या लाखों तक पहुंच जाएगी। इन गांवों के ये बुजुर्ग युवा पांच साल में सरकार से 4.44 करोड़ की बुजुर्ग पेंशन उठा चुके हैं। वहीं, प्रदेश के 7 लाख लोगों ने अब तक ई-केवाईसी नहीं कराई। इन सात लाख लोगों के दस्तावेज में भी संभवतः गड़बड़ी मिल सकती है। जबकि विभाग तारीखें बढ़ाकर लगातार ई-केवाईसी की मांग कर रहा है।
रोचक ये है कि मामले सामने आने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती। इसमें अधिकारियों की मिलीभगत का भी संदेह है। मुंदियाड़, कड़लू, संखवास, बलाया, भाकरोद सहित 15 से अधिक पंचायतों में 674 लोगों के डेटा खंगाले तो स्थिति सामने आई।
हर गांव में औसतन 150 से अधिक ऐसे युवा हैं, जिनकी सही उम्र 30-40 के बीच है, लेकिन आधार कार्ड में 55 साल से अधिक बताकर पेंशन ले रहे हैं। युवाओं के खाते में हर माह 1150 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से पेंशन जमा हो रही है। ये तो सामने आ चुका आंकड़ा है। स्थिति ऐसी है कि पेंशन कार्ड में पेंशनधारियों की बजाय भगवान शिव, बिजली के तारों के जालों की फोटो लगी है। जो गांव से लेकर पंचायत समिति तक अधिकारियों ने वेरिफाई किए हैं।
10 साल से फर्जीवाड़ा
युवाओं के बुजुर्ग बन पेंशन उठाने का मामला पिछले 10 साल से चल रहा है। ई-मित्र केंद्रों पर आर्थिक लालच देकर ये स्वीकृतियां ली जा रही हैं। वहीं, 25 हजार रुपए तक में फर्जी आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। ऐसे में ग्राम विकास अधिकारी, विकास अधिकारी सहित जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी तक इस गड़बड़झाले की चेन बने हुए हैं।
